The army got the indigenous version of Israel's Barak missile, the enemy did not do well for 140 km
The army got the indigenous version of Israel's Barak missile, the enemy did not do well for 140 km

चांदीपुर। भारतीय सेना को इजरायल की बराक मिसाइल का वर्जन मिल गया है। कल ओडिशा के चांदीपुर में इस मिसाइल का परीक्षम किया गया है और इसे जल्दी ही सेना को सौंप दिया जाएगा।

यह मिसाइल 120 से 140 किलोमीटर तक मार कर सकती है। दुश्मन देश की ओर से भेजे गए लड़ाकू विमानों, ड्रोन और मिसाइलों को यह आसमान में ही ढेर कर देगी। इजरायल की बराक सीरीज की मिसाइलें सतह से आसमान में मार करने वाले हथियों में सबसे ज्यादा ताकतवर मानी जाती हैं।

लॉन्ग रेंज और शार्ट रेंज दोनों में कामयाब

मिसाइल ने परीक्षण के दौरान हवा में ही मार करते हुए अपने लक्ष्यों को भेदा और उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया। मिसाइल के दो परीक्षण किए गए। पहली टेस्टिंग में यह चेक किया गया कि लॉन्ग रेंज में यह मिसाइल किस तरह से दुश्मन की साजिश को नाकाम कर सकती है। इसके अलावा एक परीक्षण शॉर्ट रेंज में किया गया।

DRDO ने तैयार किया है बराक मिसाइल का देशी वर्जन

सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल को भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) की टीम ने तैयार किया है। इसमें इजरायल की हथियार कंपनी इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने मदद की है। नेवी और वायुसेना को इजरायली मिसाइल के ये वर्जन दिए जाएंगे।

बता दें कि भारत और इजरायल के बीच 30,000 करोड़ रुपये का रक्षा करार हुआ था, जिसके तहत बराक सीरीज की मिसाइलों को तैयार किया जा रहा है। ऐसे कुल तीन प्रॉजेक्ट्स पर डीआरडीओ और इजरायली कंपनी मिलकर काम कर रहे हैं।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह मिसाइल भारत को सीमाओं की रक्षा में मदद करेगी। इसके जरिए दुश्मन देश के किसी भी वार का करारा जवाब दिया जा सकेगा और हवा में ही लक्ष्य को भेदा जा सकेगा।