हड़ताल का मिला-जुला रहा असर, बैंक-एलआईसी दफ्तरों और कोयला खदानों का कामकाज भी रहा प्रभावित
हड़ताल का मिला-जुला रहा असर, बैंक-एलआईसी दफ्तरों और कोयला खदानों का कामकाज भी रहा प्रभावित

रायपुर। केंद्र सरकार की कथित मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ केन्द्रीय श्रमिक संगठनों व ट्रेड यूनियनों के हड़ताल के पहले दिन बैंकों, बीमा कार्यालयों सहित कोयला खदानों में हड़ताल रही, जिससे कामकाज काफी प्रभावित हुआ।

खदानों में उत्पादन पर असर

एसईसीएल की खदानों में सोमवार को हड़ताल का मिला-जुला असर देखा गया। बैंक व एलआईसी दफ्तरों का कामकाज प्रभावित रहा। दफ्तर के बाहर कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते नजर आए। केन्द्रीय श्रमिक संगठनों व ट्रेन यूनियनों के आव्हान पर किए जा रहे हड़ताल का आज पहला दिन रहा। इस दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए पहले दिन कोयला खदान क्षेत्र में श्रमिक संगठन एटक, इंटक, एचएमएस, सीटू व एक्टू ने पूरी ताकत झोंक दी। सुबह से ही खदान के मुख्य द्वार श्रमिक नेता पहुंच गए और काम पर खदान पहुंचे लोगों को वापस लौटाया। हड़ताल को लेकर कोयला खदान के आसपास और कॉलोनियों में जाकर श्रमिक नेताओं ने कर्मचारियों को जागरूक किया गया। दो दिनी हड़ताल से करोड़ों के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।

नए श्रमिक कानूनों का विरोध

श्रमिक संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि केन्द्र की नीतियां मजदूर, कामगार विरोधी हैं। तीन नए श्रमिक कानून मजदूरों के हित में नहीं है। केन्द्र की मनमानी को रोकने और महंगाई पर कोई नियंत्रण नहीं रख पाने के विरोध में यह हड़ताल जरूरी है। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि केन्द्र को निजीकरण, उदारीकरण की घातक नीतियों को बदलना होगा। इससे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था चरमराई गई और आम जनता को ही नुकसान है। कोयला कर्मियों ने स्पष्ट रुप से कह दिया है,कि कोल इंडिया का अगर निजीकरण हुआ तो उनके द्वारा वृहद् आंदोलन किया जाएगा।

बैंक, डाकघर और बीमा दफ्तरों में लटके ताले

इधर डाकघरों, बैंकों और सरकारी बीमा कंपनियों के दफ्तरों में भी हड़ताल क पहले दिन कामकाज प्रभावित रहा। इंश्योरेंस एम्प्लाईज एसोसिएशन के एलआईसी कर्मियों ने भी कामकाज बंद रखा। कर्मचारियों ने केन्द्र की नीतियों को जनविरोधी बताते हुए अपने रूख में परिवर्तन नहीं करने पर आगे उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। कर्मचारियों ने कहा कि केन्द्र का महंगाई पर कोई नियंत्रण नहीं है। दिनोंदिन रोजमर्रा सामान की कीमतें बढ़ रही है। पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।
दो दिवसीय इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल से सरकार को अरबों का नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।

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