रेडी टू ईट मामले में महिला स्व सहायता समूहों को हाईकोर्ट से मिली अंतरिम राहत
रेडी टू ईट मामले में महिला स्व सहायता समूहों को हाईकोर्ट से मिली अंतरिम राहत

बिलासपुर। रेडी टू ईट मामले में महिला स्व सहायता समूहों को हाईकोर्ट से फ़िलहाल राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ शासन को 1 अप्रैल 2022 को नया निर्देश जारी करते हुए, 30 अप्रैल 2022 तक स्व सहायता समूहों को ही रेडी टू ईट / टेक होम राशन के बनाने और वितरण की यथास्तिथि बनाये रखने के निर्देश दिए है।

बीज निगम को काम देने की है योजना

भारत सरकार के ICDS स्कीम (इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट स्कीम) के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में रेडी टू ईट / टेक होम राशन को बनाने और उसके वितरण का सम्पूर्ण कार्य छत्तीसगढ़ की महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा संपन्न होता रहा है। राज्य शासन के महिला एवं बाल विकास विभाग नें कुछ दिनों पूर्व रेडी टू ईट / टेक होम राशन को बनाने और उसके वितरण का सम्पूर्ण कार्य छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड निगम को 1 फरवरी 2022 से संचालित करने के आदेश जारी कर दिए थे। इस आदेश से व्यथित होकर कुछ स्व सहायता समूहों नें अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और अनादि शर्मा एवं अन्य अधिवक्ताओं के मार्फ़त छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के समक्ष याचिका लगाई थी। याचिका कोर्ट में लगने के पश्चात राज्य शासन नें बीज निगम को रेडी टू ईट / टेक होम राशन को बनाने और उसके वितरण के कार्य की तारीख बढाकर 1 अप्रैल 2022 कर दी थी। इस मामले की पुनः सुनवाई 1 अप्रैल को जस्टिस राजेंद्र चन्द्र सिंह सामंत की एकल पीठ में हुई। सुनवाई के मध्यांतर में कोर्ट ने नए अंतरिम निर्देश जारी करते हुए राज्य शासन को महिला स्व सहायता समूहों को अगले एक महीने तक या कोर्ट के आखिरी फैसले की तारीख तक रेडी टू ईट / टेक होम राशन को बनाने और उसके वितरण के कार्य में यथास्थिति बनाये रखने के निर्देश जारी कर दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 5 अप्रैल 2022 को होगी।

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