नई दिल्ली : प्रदेश के राज्यपाल अनुसूया उइके ने गुरुवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात में प्रधानमंत्री के साथ छत्तीसगढ़ के जनजातियों के विषय में चर्चा करते हुए राज्य के वर्तमान स्थिति की जानकारी राज्यपाल ने प्रधानमंत्री को दी। उन्होंने पांचवी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले शहरी क्षेत्रों में पेसा कानून लागू करने का अनुरोध भी किया। इसके साथ ही यह भी जानकारी दी कि पेसा कानून लागू होने से जनजातियों को उनके संवैधानिक अधिकार प्राप्त होंगे।

इसके साथ ही राज्यपाल ने प्रधानमंत्री को जनजातियों की समस्याओं के विषय में भी जानकारी दी। उन्होंने जनजातियों के जाति नाम में होने वाली मात्रात्मक त्रुटियों से भी अवगत कराया और इसके संबंध में जानकारी दी कि इसके कारण इन व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कितनी कठिनाई होती है। इस विषय पर शीघ्र ही कोई निर्णय लेने का अनुरोध भी राज्यपाल ने प्रधानमंत्री से किया।

राज्यपाल और प्रधानमंत्री के बीच वार्ता का मुख्य विषय ही जनजातीय समाज रहा। राज्यपाल ने अपनी चर्चा के दौरान इस बात का भी जिक्र किया कि प्रदेश में आदिवासी बाहुल्य जिलों में केंद्रीय जनजाति विश्वविद्यालय उन्नत करने की आवश्यकता है। जिससे जनजातीय समुदायों को लाभ मिल सके। इस चर्चा के दौरान राज्यपाल ने जनजातीय संस्कृति और कला को संरक्षित करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की। उन्होंने आग्रह किया कि जनजातियों पर शोध कर उनका डॉक्यूमेंटेशन किया जाए। जिससे इनकी संस्कृति की पहचान पूरे देश में हो सके। इसके साथ ही जनजातीय लोगों की शिक्षा के लिए विशेष पैकेज देने का अनुरोध भी राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के समक्ष किया। उन्होंने कहा कि विशेष पैकेज मिलने से जनजातीय लोगों की शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का विस्तार होगा जिससे समुदाय का बेहतर विकास हो सकेगा।

राज्यपाल ने प्रधानमंत्री से प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, शहरी सामाजिक कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं के संबंध में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह कार्यकर्ता पूरी लगन से प्रदेश में काम कर रहे हैं कोरोना के समय में भी इनका कार्य प्रशंसनीय रहा। इसलिए इन कार्यकर्ताओं के कार्यों की सराहना करते हुए इनके मानदेय में वृद्धि के साथ ही उनके स्थायीकरण की दिशा में भी विचार करने का अनुरोध राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के समक्ष रखा है।

राज्यपाल अनुसुइया उइके ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की। इस दौरान उनकी छत्तीसगढ़ के सबसे प्रमुख मुद्दे नक्सलवाद पर गृह मंत्री से विस्तार से चर्चा हुई। चर्चा के दौरान राज्यपाल ने गृह मंत्री को नक्सल प्रभावित जिलों वहां की समस्याओं और नक्सली गतिविधियों के संबंध में जानकारी दी।

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