सीधी। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में पत्रकारों की गिरफ्तारी और फिर उसके बाद लॉकअप और थाना प्रभारी के कक्ष में खींची गई तस्वीरों के वायरल होने के बाद सूबे में हड़कंप मचा हुआ है तस्वीरें वायरल होने के बाद सीएम शिवराज की जमकर किरकिरी हो रही है। कांग्रेस ने भी ट्वीट कर “शर्म करो शिवराज” तक लिख दिया है

विधायक के विरोध में प्रदर्शन का खामियाजा
यह मामला 2 दिन पुराना है, जब यू-ट्यूबर पत्रकार कनिष्क तिवारी के नेतृत्व में कुछ लोगों ने थाने के सामने सड़क पर धरना दिया और इन्होंने शिवराज सरकार सीधी के भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला और उनके पुत्र के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इनका आरोप था कि नीरज कुंदेर के ऊपर गलत मुकदमा दर्ज करवाया गया है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने बलपूर्वक इन्हें धरना स्थल से उठाया और थाने ले गए जहां इनके ऊपर अलग-अलग धाराओं में मामला पंजीबद्ध किया गया और लॉकअप में डाल दिया गया। थाना प्रभारी मनोज सोनी के कक्ष और लॉकअप में इनकी तस्वीरें ली गई और उन्हें वायरल कर दिया गया, जिसके बाद ना सिर्फ सीधी बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में हंगामा खड़ा हो गया है।
मामले को लेकर शुरू हुई राजनीति
सोशल मीडिया पर तस्वीरें जमकर वायरल हो रहीहैं। लोग तस्वीरों को अलग-अलग माध्यम में शेयर कर रहे हैं और सवाल पूछ रहे हैं। आज शाम होते-होते मामला राजनीतिक तूल पकड़ने लगा है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक ट्वीट कर शिवराज सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। एमपी कांग्रेस के ऑफिशियल टि्वटर हैंडल से ट्वीट में कहा गया कि “शिवराज सरकार की शर्मनाक करतूत सीधी जिले में भाजपा नेताओं के खिलाफ लिखने वाले पत्रकारों को नंगा कर थाने में दर्ज किया गया मुकदमा। शिवराज जी यह जंगलराज नहीं तो और क्या है शर्म करो शिवराज” इस ट्वीट के बाद सूबे की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई हैं
थाना प्रभारी पर गिर सकती है गाज
जानकार तो यह भी बताते हैं कि इस मामले में शिवराज सरकार भी संज्ञान ले रही है और थाना प्रभारी मनोज सोनी के ऊपर कार्यवाही की बात भी हो रही है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का यह साफ निर्देश हैं कि किसी भी आरोपी की तस्वीरों को कहीं वायरल ना किया जाए, ना ही उनकी पहचान उजागर की जाए। ऐसे में थाना में बने लॉकअप से तस्वीरें वायरल होने का मतलब साफ है कि तस्वीरें पुलिस के द्वारा ही वायरल की गई हैं
उधर पुलिसिया जानकार यह भी बता रहे हैं कि पत्रकार कनिष्क तिवारी के ऊपर अन्य धाराओं के तहत भी मुकदमा दर्ज करने की तैयारी पुलिस कर रही है। हालांकि अभी इस मामले की अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है बहरहाल इस घटना के बाद यह बात तो तय है कि पुलिस की छवि एक बार फिर खराब हुई है। मामला विवादस्पद होने के बाद भी सीधी जिले के पुलिस अधीक्षक मुकेश श्रीवास्तव इन सब बातों से बचते हुए नजर आ रहे हैं। इन बातों में कुछ बोलने से इंकार कर दिया।
