दुर्ग। भिलाई के सुपेला थाने में अपने तरह का पहला मामला दर्ज हुआ, जब हरिकांत द्विवेदी नामक शख्स ने थाने में आकर यह बताया कि मेल के जरिए जब उसको उसके यश बैंक सुपेला ब्रांच के अकाउंट में बहुत सारे पैसे जमा होने की सूचना मिली तो वह डर गया। उसने ब्रांच में जाकर अकाउंट क्लोज करना चाहा तो बैंक कर्मियों ने उसकी पिटाई कर दी। मामले की जांच में खुलासा हुआ कि यहां सट्टे के कारोबार के लिए बैंक अकाउंट किराये पर देने का खेल चल रहा है।

परिचित के कहने पर खुलवाया खाता
हरिकांत द्विवेदी ने पुलिस को यह भी बताया कि उसके एक परिचित साहिल महिलांग के जिद पर उसने अपना केवाईसी वगैरह दिया था और अकाउंट खुलवाया था, पर उसे इस तरह ज्यादा मात्रा में पैसे अकाउंट में आने से शंका हुई कि कहीं उसके अकाउंट का दुरुपयोग तो नही हो रहा है। इसके बाद थाना सुपेला में प्रार्थी हरिकांत द्विवेदी की रिपोर्ट पर धारा 323, 294, 506, 417, 34 आईपीसी के तहत साहिल महिलांग व यश बैंक ब्रांच के कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज किया गया।
बिना चेक पर हस्ताक्षर के लाखों निकाले
इस मामले की जांच के दौरान पता चला कि 13 अप्रैल को ही प्रार्थी की जानकारी के बगैर उसके अकाउंट में डला सारा पैसा लगभग 3.85 लाख रू चेक के जरिए आनन फानन में निकाल लिया गया है, जबकि प्रार्थी ने ऐसे किसी चेक में दस्तखत ही नही किया था। बैंक में पता किया गया तो मनीष मिश्रा नाम के किसी व्यक्ति के द्वारा चेक जमा करने और पैसे निकालने की सूचना मिली।
फर्जी हस्ताक्षर और बैंक कर्मियों की मिलीभगत
मनीष मिश्रा को पकड़ कर पूछताछ की गई तो उसने फर्जी साइन के जरिए बैंकवालों की मदद से पैसे निकलना कुबूल किया। पुलिस ने उससे सारी रकम भी बरामद कर ली। इस दौरान यह भी खुलासा हुआ कि मनीष और साहिल नए खाते खोलकर एक सटोरिये को किराये पर देते थे।

पकड़ में आने से पहले फरार साहिल और हनी
पूछताछ पर मनीष मिश्रा ने बताया कि उसने तथा साहिल महिलांग ने मिलकर किसी हनी गुप्ता के लिए इसी बैंक में 15 से 20 अकाउंट खुलवाकर दिए हैं। प्रत्येक अकाउंट के लिए नया मोबाइल नंबर हनी गुप्ता देता है, जिसको अकाउंट ओपन करते समय डाला जाता था, जिसमे ओटीपी सहित अन्य जानकारियां आती थीं, फिर उस अकाउंट को ऑन लाइन कर अकाउंट का उपयोग ऑन लाइन सट्टे के लिए किया जाता था। हालांकि मामले का ही सटोरिया हनी गुप्ता और साहिल भूमिगत हो गए।
हर अकाउंट के बदले 10 हजार रूपये
प्रत्येक अकाउंट के पीछे हनी गुप्ता मनीष व साहिल को 10 हजार रु देता था। अब पुलिस इस मामले में इन बिंदुओं पर जांच कर रही है कि जब प्रार्थी ने बैंक में अपना अकाउंट बंद करना चाहा तो उसके अकाउंट के सारे पैसे निकाल कर उसके अकाउंट को बंद करने की कोशिश क्यों की गई.? चेक में साइन किसने किया ? जबकि मनीष मिश्रा ने बैंक में कोरे चेक देना बताया है। पैसे बैंक से कैसे निकल गए
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दर्जनों खाते और चेकबुक बरामद
साहिल और हनी गुप्ता की तलाश पुलिस कर रही है, जो अपने घरों से फरार हैं। जांच पर और भी नए तथ्यों के खुलासे की संभावना है।
आरोपी मनीष मिश्रा से 3.85 लाख नगदी, दर्जनों अकाउंट के चेकबुक कई एटीएम,पासबुक आदि बरामद किया गया है तथा उसे धारा 420,417 के तहत गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा जा रहा है।
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