Special quota for admission in Kendriya Vidyalaya ends, now the recommendation of MPs will not run, displeasure among many MPs of the ruling party
Special quota for admission in Kendriya Vidyalaya ends, now the recommendation of MPs will not run, displeasure among many MPs of the ruling party

नई दिल्ली। केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन के लिए अब सांसदों का कोटा (MP Quota in KVS Admission) नहीं चलेगा। बता दें कि पिछले साल तक हर सांसद अपने क्षेत्र के केंद्रीय विद्यालय में 10 एडमिशन करा सकते थे। इसके लिए उनको कूपन जारी किए जाते थे। इस बार यह कूपन नहीं दिए गए।

केंद्रीय विद्यालय संगठन की तरफ से निर्देश जारी किए गए हैं कि अगले आदेश तक स्पेशल प्रावधान (कोटा) के तहत कोई दाखिला नहीं होगा। केंद्रीय विद्यालय संगठन के द्वारा यह निर्णय किए जाने के बाद सत्ता पार्टी के कई सांसदों में नाराजगी है। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस निर्णय से वो अपनी नाराजगी व्यक्त नहीं कर पा रहे हैं।

बता दें कि संसद के बजट सत्र में भी बीजेपी सांसदों ने भी यह बात उठाई थी। बीजेपी नेता और सांसद विवेक ठाकुर ने राज्यसभा में केंद्रीय विद्यालयों में सांसद कोटा बढ़ाने की मांग की थी। उनका कहना था कि कोटा ख़त्म करने के बजाय बढ़ाया जाना चाहिए। ख़ासकर बिहार जैसे ग़रीब राज्यों के लिए यह बेहद ज़रूरी है। इसके ज़रिए ही ग़रीब और ज़रूरतमंद बच्चों के एडमिशन होते हैं।

पहले सांसदों का कोटा 6 था। 2016-17 में इसे बढ़ाकर 10 किया गया। इसके अलावा एक कोटा एजुकेशन मिनिस्टर का भी होता था। सांसद या नेताओं के ज़रिए ये सिफारिशें मंत्रालय तक आती थीं। केंद्र सरकार ने मिनिस्ट्री का यह कोटा पिछले साल ही ख़त्म कर दिया था।

ज़्यादातर सिफारिशें ग़रीब और ज़रूरतमंद बच्चों की होती थीं। उनके लिए अच्छी और सस्ती पढ़ाई का बड़ा मौका थे ये केंद्रीय विद्यालय। कम ही सही, लेकिन जितने भी बच्चों को अपने क्षेत्र के सांसद के ज़रिए यह मौका मिल पाता था, अब वह भी नहीं मिलेगा।