रायपुर: रायपुर में कई मार्ग ऐसे हैं जहा हमेशा ही गाड़ियों की भीड़ और ट्रैफिक होता है जिसके कारण कई बार मरीज़ों को लेकर जा रही एम्बुलेंस ट्रैफिक के बीच फंस जाया करती है लेकिन अब जल्दी ही ये समस्या ख़त्म होने वाली है जिसके बाद अब रायपुर के अस्पतालों तक पहुंचने में किसी एंबुलेंस को ट्रैफिक की वजह से कोई बाधा नहीं झेलनी पड़ेगी। दरअसल, रायपुर स्मार्ट सिटी और ट्रैफिक पुलिस रायपुर में ग्रीन कॉरिडोर सिस्टम लागू करने की तैयारी में है और इसे जल्दी ही शुरू करने की संभावना है। रायपुर में ग्रीन कॉरिडोर नवीन सॉफ्टवेयर के जरिए ऑटो मोड पर काम करेगा। इससे पहले किसी एंबुलेंस को इमरजेंसी में अस्पताल या एयरपोर्ट तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर ट्रैफिक पुलिस द्वारा स्वयं बनाया जाता था।

नए सिस्टम में एम्बुलेंस के जीपीएस सिस्टम को इंटिग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के कमांड सेंटर से जोड़ा जायेगा जिसके बाद जैसे ही किसी रुट पर एम्बुलेंस जाएगी उसकी जानकारी कमांड सेंटर को हो जाएगी और कमांड सेंटर द्वारा उस रुट पर पड़ने वाले सिग्नल्स को ग्रीन कर दिया जायेगा। इससे शहर की किसी भी सड़क पर कोई एम्बुलेंस ट्रैफिक में नहीं फंसेगी। शहर के सरकारी और प्राइवेट अस्पातालों में छोटी बड़ी मिलाकर हर दिन करीब 500 से ज्यादा एम्बुलेंस की आवाजाही होती है। आस पास के और भी जिलों से एम्बुलेंस मरीजों को लेकर रायपुर आती है।

शहर के भीतर ट्रैफिक से गुजरते हुए एम्बुलेंस अक्सर ट्रैफिक में फंस जाती है। कई बार एम्बुलेंस को ट्रैफिक का रेड सिग्नल को जंप करके अस्पताल तक पहुंचना पड़ता है। कई बार एंबुलेंस को बिना रुके अस्पताल पहुंचाने के लिए आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आईटीएमएस से सभी एम्बुलेंसो का जीपीएस सिस्टम जुड़ने के बाद ये समस्या समाप्त हो सकती है।

जानिए क्या होगा ग्रीन कॉरिडोर के काम का तरीका

ग्रीन कॉरिडोर के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए रायपुर के ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया कि- “अब तक इमरजेंसी में ग्रीन कॉरिडोर को मैनुअली मेंटेन किया जाता है। जिसके अंतर्गत किसी एम्बुलेंस को इमरजेंसी में अस्पताल तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर ट्रैफिक पुलिस द्वारा स्वयं बनाया जाता था। लेकिन, नए सिस्टम में जीपीएस ट्रैकिंग से सभी एम्बुलेंस को कंट्रोल रूम से जोड़ा जायेगा और इससे एंबुलेंस जिस रूट से आ रही है, उसमें आने वाले सारे सिग्नल ग्रीन कर दिए जाएंगे और एम्बुलेंस के साथ लोगों की गाड़ियों को रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डेनमार्क जैसे विदेशी देशो में इसी तकनीक का इस्तेमाल होता आ रहा है और इसके कारण वहाँ के ट्रैफिक व्यवस्था में काफी मज़बूती भी आती है। ये एक अच्छी पहल है और रायपुर में जल्द से जल्द ग्रीन कॉरिडोर को शुरू किया जायेगा।”

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर