रायपुर। देशभर में कोरोना लॉकडाउन के दौरान कामकाज थम गए थे। लेकिन पिछले पांच साल से घाटे में चल रहे चित्रकोट, मैनपॉट समेत आधा दर्जन से ज्यादा रिसार्ट कोरोना महामारी के बावजूद इस साल मुनाफे में हैं।

दरअसल कोरोना के कारण प्रदेश में लगे लॉक डाउन से ऊबे लोग मौका मिलते ही प्रदेश के अलग- अलग रिसार्ट में गए। इसकी वजह से न सिर्फ फुटफाल बढा बल्कि आमदनी भी बढ़ गई।

बता दें पिछले पांच साल में पहली बार प्रदेश के 7 रिसार्ट मुनाफे में हैं। चित्रकोट, बारनवापारा, मैनपॉट, सरोदा दादर, सतरेंगा रिसार्ट और बोट क्लब के साथ ही जोहार इको रिसार्ट (बिलासपुर) मुनाफे में हैं। पिछले साल प्रदेश के सभी रिसार्ट में कुल गेस्ट 38 हजार 241 थे, जबकि इस साल जनवरी 2022 तक गेस्ट की संख्या 37 हजार तीन थी।

इस साल डेढ़ करोड़ से ज्यादा की कमाई दर्ज की गई है। 2017-18 में जहां प्रदेश के सभी 14 रिसार्ट 83 लाख से ज्यादा के घाटे में थे वहीं, इस साल ये लगभग डेढ करोड़ के मुनाफे में हैं। बता दें कि 2017-18 में गंगरेल और बारनवापारा को छोड़कर सभी रिसार्ट घाटे में थे।

प्रदेश के डेढ़ दर्जन से ज्यादा रिसार्ट कोरोना काल की पहली लहर में अप्रैल 2020 से जून 2020 तक लॉक डाउन के कारण बंद रहे। साथ ही पर्यटन विभाग ने इन रिसार्ट की मरम्मत पर लगभग साढे चार करोड़ से ज्यादा खर्च किए। इसकी वजह से 2020-21 में सभी रिसार्ट को आमदनी के बजाए घाटा ही हुआ। यह घाटा लगभग ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा का था। पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा घाटा 2020-21 में ही दर्ज किया गया।

सतरेंगा के बाद जगदलपुर का चित्रकोट बनी पहली पसंद

इस साल प्रदेश में पर्यटकों की पहली पसंद सतरेंगा बोट क्लब है। यहां जुलाई 2021 से जनवरी 2022 के बीच कुल 12694 लोग पहुंचे, जबकि जगदलपुर के चित्रकोट रिसार्ट जाने वालों की संख्या 8645 रही। कमाई के मामले में चित्रकोट सबसे आगे है और सतरेंगा सबसे पीछे। इस साल चित्रकोट रिसार्ट ने 89 लाख 47 हजार से ज्यादा की कमाई की है। इसके बाद सरोदा दादर 49 लाख 18 हजार से ज्यादा और बारनवापारा की कमाई 14 लाख 96 हजार से ज्यादा रही।

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