तहसीलदारों ने दिया हड़ताल का अल्टीमेटम
तहसीलदारों ने दिया हड़ताल का अल्टीमेटम

रायपुर। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने अपनी मांगों को लेकर प्रदेश स्तर पर आंदोलन करने की रणनीति बनाई है। इसी के तहत संघ द्वारा पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रशासन को सौंपकर अपनी मांगों का पुलिंदा सौंपा गया, साथ ही 15 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी गई।

काम का बोझ ज्यादा, कुशल मेन पावर की मांग

संघ के प्रांताध्यक्ष कृष्ण कुमार लहरे ने TRP न्यूज़ को बताया कि राजस्व संबंधी कार्यों के अलावा कानून व्यवस्था, प्रोटोकाल व अन्य कार्य की भी जिम्मेदारी उन पर होती है। जिस दिन न्यायालय में प्रकरण सुनवाई में लगे रहते हैं, अचानक कानून व्यवस्था, प्रोटोकाल व अन्य प्रशासनिक कार्य निपटाने जाना पड़ जाता है। इन परिस्थितियों में भी समय पर राजस्व प्रकरणों को निपटाने का उन पर दबाव डाला जा रहा है। दूसरी ओर सभी तहसीलों में मानव संसाधनों व दूसरे जरूरी संसाधनों की कमी है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कुशल स्टाफ की मांग की गई है।

इंटरनेट की उपलब्धता नहीं

ग्रामीण व दूरस्थ अंचल के कई तहसीलों में इंटरनेट की समुचित उपलब्धता नहीं रहती। इससे कई राजस्व प्रकरणों के ऑनलाइन कार्य समय पर नहीं होते। इसलिए सभी स्थानों पर इंटरनेट की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की गई है।

तो 17 मई से हड़ताल या सामूहिक अवकाश…

छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण में देरी न हो इसके लिए 9 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर से ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में 17 मई तक तमाम मांगे पूरी न होने पर हड़ताल में जाने की चेतावनी दी गई है.

गौरतलब है कि चंद दिनों पहले ही एक वकील से विवाद के बाद पूरे प्रदेश के नायब तहसीलदार और तहसीलदार हड़ताल में चले गए थे, जिससे पूरे प्रदेश का काम बाधित हो गया था। संघ ने अपेक्षा की है कि शासन उनकी मांगों पर उदारतापूर्वक विचार करेगा।

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