नई दिल्ली। कांग्रेस और गांधी परिवार सोचते होंगे कि यह संयोग है या प्रयोग। अभी कुछ दिन ही तो हुए जब से प्रशांत किशोर अपने 600 पन्नों वाली रणनीति से कांग्रेस के कायाकल्प का खाका पेश कर रहे हैं कि गांधी परिवार पर आफत पर आफत आने लगी। प्रवर्तन निदेशालय ने यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर के खिलाफ दायर चार्जशीट में सोनिया गांधी को लेकर जो दावा किया है, वह बड़ी मुसीबत बनी सकती है। इससे पहले ईडी इशारा कर चुका है कि असोसिएटेड जर्नल लिमिटेड – यंग इंडियन डील में अब उसकी जांच सीधे सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की तरफ बढ़ेगी। ऐसे में कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार समेत इसके कर्ता-धर्ताओं के मन में यह सवाल तो जरूर उठता होगा- यह संयोग है या प्रयोग?

2017 के बाद किशोर फिर से थामेंगे कांग्रेस का हाथ

दरअसल, कांग्रेस पार्टी चुनावी रणनीतिकार के करीबी संपर्क में है और कहा जा रहा है कि गांधी परिवार और खासकर प्रियंका गांधी पीके को पार्टी में एंट्री देने का मूड बना चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए वर्ष 2014 में चुनाव अभियान की कमान संभालने वाले किशोर जेडीयू, टीएमसी होते हुए कांग्रेस के दर पर दोबारा पहुंचे हैं। वो 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए काम कर चुके हैं। उन्होंने ही भारतीय जनता पार्टी के बरक्स कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन का फॉर्म्युला तैयार किया और ‘यूपी के लड़के’ का नारा दिया। ध्यान रहे कि राहुल गांधी को उनके नाना और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के इलाहाबाद के होने से जोड़कर बताया जाता है। वैसे भी गांधी परिवार उत्तर प्रदेश से ही चुनाव मैदान में उतरता रहा है। खुद राहुल गांधी अमेठी से सांसद बना करते थे, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में वो यह सीट बीजेपी की तेज-तर्रार नेता स्मृति इरानी के हाथों गंवा बैठे और अभी केरल के वायनाड से सांसद हैं।

600 पन्नो का प्रेजेंटेशन देंगे पीके

बहरहाल, प्रशांत किशोर के ‘यूपी के लड़के’ का क्या हुआ था, यह सबको पता है। बीजेपी को 403 सीटों वाली विधानसभा में 312 सीटों के साथ तीन चौथाई बहुमत मिला जबकि सपा 47 और कांग्रेस पार्टी 7 सीटों पर सिमट गई। प्रशांत किशोर कहते हैं कि उनके ‘राजनीतिक सहयोगी वाले अपने करियर में यह अब तक का एकमात्र हार है। खैर, पीके फिर से कांग्रेस का हाथ थामने जा रहे हैं। उन्होंने ताजा दौर की बातचीत के लिए सोनिया, प्रियंका और राहुल समेत पार्टी के अन्य शीर्ष नेतृत्व के साथ छह बैठकें कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि उनके पास कांग्रेस के उद्धार के लिए 600 पन्नों का प्रजेंटेशन है जिनमें 50-55 पेज पार्टी नेताओं को दिखा चुके हैं। इस बीच पहले एजेएल-यंग इंडियन और अब राणा कपूर के मामले में ईडी गांधी परिवार पर शिकंजा कसने की तैयारी में दिखने लगा है।

राणा का ईडी को बयान – प्रियंका गाँधी ने पेंटिंग खरीदने को मजबूर किया

ईडी ने राणा कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में स्पेशल कोर्ट के सामने चार्जशीट दायर की है। राणा कपूर ने ईडी को बताया है कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें प्रियंका गांधी से देश के मशहूर मरहूम पत्रकार एमएफ हुसैन की पेंटिंग खरीदने के लिए मजबूर किया। कपूर ने कहा कि कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे मुरली देवड़ा ने उनसे कहा कि अगर वो प्रियंका से पेंटिंग नहीं खरीदते हैं तो न केवल उनका कांग्रेस के साथ संबंध सही नहीं होंगे बल्कि पद्म पुरस्कार मिलने की संभावनाओं पर भी पानी फिर जाएगा। कपूर का दावा है कि पेंटिंग की खरीद के लिए उनकी तरफ से दिए गए पैसों से ही सोनिया गांधी अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क में इलाज हुआ था। चार्जशीट में इन दावों का उल्लेख किया गया है। संभव है कि ईडी कोर्ट इस संबंध में सोनिया और प्रियंका गांधी के साथ-साथ मामले से जुड़े कुछ और कांग्रेसियों से पूछताछ की अनुमति मांगे और उसे अदालत की हरी झंडी भी मिल जाए। ऐसा हुआ तो कांग्रेस और विशेष तौर पर गांधी परिवार के लिए नीम पर करेला चढ़ने वाली कहावत सही साबित हो जाएगी।सीन‍ियर एडवोकेट अश्‍व‍िनी कुमार मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार में कानून मंत्री थे। वह 2002 से 2016 तक तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे। वह अतिरिक्त सॉलि‍सि‍टर जनरल भी रह चुके हैं।

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