TRP DESK: देश की सबसे पुरानी पार्टी जल्दी ही नए रूप में स्वयं को जनता के सामने लाने वाली है। दरअसल पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अपने प्रवक्ताओं और नेताओं को टीवी पर होने वाली बहसों और विभिन्न प्रेस कॉन्फ्रेंस भाषणों के दौरान कांग्रेस के बजाय ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ के नाम का इस्तेमाल करने की सलाह देने वाली है।
पार्टी पदाधिकारियों की माने तो असल में पार्टी अपने नाम से यह संदेश देना चाहती है कि कांग्रेस वही भारतीय राष्ट्रीय पार्टी है जिसने देश के लिए आजादी की लड़ाई लड़ी थी। इसके पीछे यह तर्क भी दिया जा रहा है कि बीजेपी के प्रवक्ता और नेता कांग्रेस के राष्ट्रवाद और कांग्रेस के भारतीय नेतृत्व था पर सवाल उठाते रहते हैं। इसलिए पार्टी जनता के मन में यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कांग्रेस पार्टी भारतीय है भारतीयता में विश्वास रखती है और कांग्रेस का नेतृत्व भारतीय राष्ट्रवादी नेतृत्व है।
इस नीति की शुरुआत उदयपुर में ही हो गई थी जब कांग्रेस पार्टी ने अपने पार्टी के प्रस्ताव को हिंदी में ही पड़ा और हिंदी में ही जारी किया। हिंदी में जारी करने के बाद इसका अंग्रेजी में अनुवाद किया गया। ज्ञात हो कि यह पहली बार है जब कांग्रेस पार्टी ने प्रस्ताव हिंदी में पारित किए गए और उसके बाद उसका अंग्रेजी में अनुवाद किया गया। इससे पहले प्रस्तावों को हमेशा अंग्रेजी में पारित किया जाता था जिसके बाद उसका हिंदी में अनुवाद मीडिया को उपलब्ध कराया जाता था।
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