अंबिकापुर। सरगुजा के उदयपुर क्षेत्र में परसा ईस्ट के बासेन कोल ब्लॉक में पेड़ों की कटाई और कोल ब्लॉक आवंटन रदद् करने की मांग को लेकर लगातार हो रहे आंदोलन के बीच सोमवार सुबह से जंगल मे एक बार फिर से पेड़ों को काटने का काम शुरू कर दिया गया। इसकी जानकारी मिलने पर मौके पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पहुंच गए और पेड़ों की कटाई का विरोध किया। इससे तनाव की स्थिति बन गई। यहां कटाई के पूर्व पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी। विवाद व तनाव की आशंका पर एएसपी विवेक शुक्ला बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे हैं।

निगरानी के लिए इस्तेमाल हो रहा ड्रोन

पेड़ कटाई की सूचना मिलने पर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल भी समर्थकों व ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे तथा कटाई का विरोध किया। मौके पर सैकडों की संख्या में ग्रामीण एकत्र होकर नारेबाजी कर रहे हैं। पुलिस द्वारा दो ड्रोन कैमरों से आंदोलनकारियों की निगरानी की जा रही है। अभी क्षेत्र में स्थित तनावपूर्ण बनी हुई है। यह तनाव और बढ़ने की आशंका बनी हुई है। प्रशासन ने ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए पुलिस छावनी बनाकर पेड़ों की कटाई कराने की तैयारी में है।

सीएमडी ने दिया था पावर प्लांट बंद होने का हलवा

राजस्थान विद्युत निगम लिमिटेड के सीएमडी आरके शर्मा ने एक सप्ताह पूर्व छत्तीसगढ़ पहुंचकर रायपुर में सीएम एवं अधिकारियों के साथ अंबिकापुर व सूरजपुर के कलेक्टरों से मुलाकात की थी एवं राजस्थान में कोयले की आपूर्ति नहीं होने पर पावर प्लांटों के बंद हो जाने का हवाला देते हुए जल्द पीईकेबी परियोजना के शुरू कराने की मांग की थी।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में राजस्थान सरकार को आवंटित कोयला खदानों के शुरू नहीं से बिजली संकट की स्थिति बन रही है। राजस्थान के पावर प्लांटों को चलाने जून के पहले सप्ताह तक का ही कोयला बचा है। राजस्थान में 7,580 मेगावाट थर्मल जनरेशन का प्लांट है। कोयला नहीं मिलने से 4,340 मेगावाट के प्लांट बंद हो जाएंगे। परसा ईस्ट केते का सेकंड फेस से उत्पादन शुरू नहीं हुआ तो राजस्थान में बिजली की भारी समस्या होगी। उक्त बातें राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) के सीएमडी आरके शर्मा ने छत्तीसगढ़ दौरे पर कही।

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