रायपुर। हसदेव अरण्य और वहां के आदिवासी ग्रामीणों का मुद्दा अब धीरे धीरे दिलचस्प मोड़ बनाने लगा है। कल दिन भर चले भाजपा और कांग्रेसी नेताओ द्वारा हसदेव अरण्य को लेकर बयानबाज़ी होती रही। दोनों ही पार्टियों के नेता कल अपने बयान से एक दूसरे को घेरते नज़र आये। वही आज मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद फिर से नेताओ के बीच शब्दों का खेल शुरू हो गया है।

दरअसल कल शाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांकेर दौरे से आते ही हरियाणा विधायकों से मुलाकात करने पहुचें थे। जिसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की और इस बातचीत के दौरान हसदेव मुद्दे पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि “बाबा साहेब क्षेत्रीय विधायक हैं और यदि उनकी सहमति नहीं होगी, तो पेड़ तो छोड़िए, एक टहनी तक नहीं कटेगी।”

जिसके बाद मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा था कि “प्रश्न मेरे चाहने का नहीं है। मैंने हमेशा यही पहल की है और कल भी जब मैं आदिवासियों से मिलने गया था तो वहां भी सार्वजनिक तौर पर मैंने यही कहा था कि मेरी क्या राय है यह एक पृथक चीज है।”

सिंहदेव ने आगे कहा था कि “मेरी राय खदान के लिए पेड़ ना कटने की भी हो सकती है। लेकिन इसके लिए जिनकी जमीन जा रही है अगर वो गांववाले चाहे की यहां खदान आये तो मेरी बात का कोई मायने नहीं रहता। प्रश्न मेरी बात का नहीं होना चाहिए, गांव वाले जो चाहते हैं बात वो होनी चाहिए।”

इसके बाद उन्होंने आज सुबह ही मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए एक पोस्ट शेयर किया जिसमे उन्होंने कहा कि “भूपेश भाई को हसदेव आंदोलन पर बयान के लिए आभार। लगभग 100 दिन से लगातार आंदोलनरत ग्रामीणों की बात पर उन्होने उनके पक्ष में सहमति व्यक्त की है। प्रश्न आंदोलन कर रहे ग्रामीणजनों के व्यापक एवं सांविधानिक हित का है और उनके साथ खड़े होने पर भूपेश भाई को पुनः धन्यवाद।” उनके इस ट्वीट के बाद पूर्वमंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी ट्वीट कर पुनः सवाल उठाये।

बृजमोहन अग्रवाल ने फिर उठाये सवाल

पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कल भाजपा के एकात्म परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सिंहदेव से हसदेव पर सवाल किया था। उन्होंने कहा था कि यदि टीएस सिंहदेव सच में आदिवासियों का हित चाहते हैं तो अपने पद से इस्तीफा दे कर मैदान में आये और लड़ाई लड़ें। जिसके बाद ही मुख्यमंत्री का बयान सामने आया था और उन्होंने भाजपा ने नेतृत्व को हसदेव अरण्य मामले में केंद्र से खदान आबंटन को रद्द करने की मांग करने की सलाह दे दी थी।

आज बृजमोहन अग्रवाल ने उनके इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि “भूपेश बघेल जी ने यह स्वीकार लिया है कि उनकी पार्टी के नेता चाहें तो जंगलों का विनाश रुक सकता है। फिर महीनों से आंदोलनरत हसदेव के आदिवासियों की असहमति पर क्या पेड़ों की कटाई बंद नहीं कर सकते मुख्यमंत्री ? टीएस सिंहदेव जी से अपेक्षित है कि वे इस्तीफा देकर सड़कों की लड़ाई लड़ें।”

जिसके बाद छत्तीसगढ़ में हसदेव मुद्दे पर सियासत और गरमा गयी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अगला कौन सा राजनेता ट्वीटर पर चल रहे इस खेल में शामिल होता है।

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