भारतीय छात्रों के लिए अच्छी खबर! अब कम खर्च में विदेशी से पढ़ाई का मिलेगा मौका

टीआरपी डेस्क। जॉइंट डिग्री, डुअल डिग्री और ट्वाइनिंग प्रोग्राम के लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन के पास 63 विदेशी यूनिवर्सिटी/इंस्टिट्यूट ने दिलचस्पी दिखाई है। यूजीसी का कहना है कि इनमें MIT, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, ग्लासगो यूनिवर्सिटी समेत कई प्रतिष्ठित इंस्टिट्यूट शामिल हैं।

यूजीसी चेयरपर्सन प्रो एम जगदीश कुमार के अनुसार भारत की यूनिवर्सिटी विदेशी यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर यह प्रोग्राम जनवरी 2023 या फिर जुलाई 2023 तक शुरू कर देंगे। अगले कुछ दिनों में इंस्टिट्यूशंस के बीच ऑनलाइन मीटिंग भी होंगी। साथ ही कुछ यूनिवर्सिटी के डेलिगेशन के भारत आने की उम्मीद है।

MIT, स्टैनफोर्ड, कैंब्रिज से भी मिला रिस्पॉन्स

देश के स्टूडेंट्स को इंटरनैशनल एजुकेशन देने के लिए अप्रैल में यूजीसी नैशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के तहत नए रेगुलेशंस लाया है। यूजीसी के चेयरपर्सन प्रो जगदीश कुमार कहते हैं, इसे लेकर हमने करीब 560 विदेशी यूनिवर्सिटी/इंस्टिट्यूट को पत्र भेजे थे। साथ ही, भारत की 260 यूनिवर्सिटी की लिस्ट भी भेजी थी, जो जॉइंट डिग्री, डुअल डिग्री और ट्वाइनिंग प्रोग्राम शुरू कर सकती हैं। हमें अब तक 63 विदेशी इंस्टिट्यूट ने पॉजिटिव रिस्पॉन्स दिया है और वे यूजीसी रेगुलेशंस और गाइडलाइंस पर विस्तार से चर्चा करना चाहते हैं।

इनमें से 6 विदेशी यूनिवर्सिटी ने जल्द से जल्द ऑनलाइन मीटिंग रखने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, मैक्सिको में भारत के अंबेसडर ने हमें बताया है कि वहां की कुछ यूनिवर्सिटी भी भारतीय यूनिवर्सिटी के साथ पार्टनरशिप की संभावनाएं तलाशना चाहती हैं। पिछले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया के डिप्टी हाई कमिशन से भी यूजीसी की चर्चा में तय हुआ है कि ऑस्ट्रेलिया की कुछ यूनिवर्सिटी और भारत की कुछ यूनिवर्सिटी के बीच ऑनलाइन मीटिंग जल्द रखी जाएगी। 2-3 यूनिवर्सिटी का डेलिगेशन भारत भी आने वाला है जो इस सिलसिले में हमसे मुलाकात भी करना चाहते हैं। यूजीसी का कहना है कि यूरोप, यूके, एशिया, अफ्रीका, अमेरिका से उसे रिस्पॉन्स मिला है। इनमें कैंब्रिज यूनिवर्सिटी, एमआईटी, स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी, ब्राउन यूनिवर्सिटी, कोलरिडा यूनिवर्सिटी, डरबन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी, क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी, करटिन यूनिवर्सिटी शामिल हैं।

STEM कोर्सेज में दिलचस्पी

यूजीसी चेयरपर्सन का कहना है कि अगर तीन-चार महीने में एमओयू साइन होते हैं तो कम से कम दो महीना यूनिवर्सिटी को स्टूडेंट्स को जानकारी देने में लगेगा। इस हिसाब से या तो अगले साल जनवरी या जुलाई में ये कोर्स शुरू हो जाएंगे। यूरोपियन और नॉर्थ अमेरिका की यूनिवर्सिटी में जुलाई में ही सेशन शुरू होता है, वहीं ऑस्ट्रेलिया में सेशन जनवरी में शुरू होता है।

कोर्स का कुछ हिस्सा विदेश में पढ़ना होगा

डुअल डिग्री के लिए स्टूडेंट को 30% कोर्स क्रेडिट फॉरेन इंस्टिट्यूट से पूरा करना होगा। डिग्री भारतीय और विदेशी इंस्टिट्यूट जारी करेगा। एक से दो सेमेस्टर की पढ़ाई विदेशी इंस्टिट्यूट में होगी। जॉइंट डिग्री के तहत भारत के स्टूडेंट्स को फॉरेन इंस्टिट्यूट से 30% से ज्यादा कोर्स क्रेडिट पूरा करना होगा और आधे सेमेस्टर बाहर जाकर पढ़ना होगा।

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