
राजनांदगांव। केंद्रीय राज्य मंत्री भानुप्रताप वर्मा की मौजूदगी में आयोजित समीक्षा बैठक में सांसद प्रतिनिधि के एक शब्द को लेकर कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने कड़ी आपत्ति व्यक्त की। केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर हो रही बैठक में कलेक्टर ने इस बात पर नाराजगी जताई कि सांसद प्रतिनिधि ने चर्चा के दौरान मर्यादा का खयाल नहीं रखा।

जल जीवन मिशन में “बंदरबांट” का लगाया आरोप
राजनांदगांव में सूक्ष्म, लघु, उद्यम राज्य मंत्री भानुप्रताप वर्मा की अध्यक्षता में केंद्र सरकार की योजनाओं क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक चल रही थी। बैठक में सांसद संतोष पांडेय और उनके प्रतिनिधि भरत वर्मा भी शामिल हुए। इस दौरान जल-जीवन मिशन के मामले को लेकर प्रतिनिधि भरत वर्मा ने इस कार्य में राशि का बंदरबाट होने का आरोप लगा दिया। यह सुनकर कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा नाराज हो गए और उन्होंने मंत्री के समक्ष “बंदरबाट” शब्द का इस्तमाल करने पर आपत्ति जताई। कलेक्टर ने सांसद प्रतिनिधि को यह नसीहत दी कि शब्दों का उपयोग करते समय सावधानी बरतें।
बहस के बीच मंत्री ने किया हस्तक्षेप
इस मुद्दे को लेकर कलेक्टर और सांसद प्रतिनिधि के बीच बहस होने लगी तब केंद्रीय मंत्री भानुप्रताप वर्मा ने दखल दिया और मामले को शांत कराया। दरअसल सांसद प्रतिनिधि वर्मा ने पीएचई द्वारा कराए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता और उपयोगिता पर सवाल उठाए। इसी दौरान उन्होंने राशि के बंदरबांट की बात कह दी जिस पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की। इस दौरान कलेक्टर ने पीएचई के अधिकारियों का बचाव किया और जल जीवन मिशन में किसी तरह की भी गड़बड़ी होने से इंकार किया।

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