मासूम राहुल को निकालने के लिए टनल बनाने का काम प्रारम्भ
मासूम राहुल को निकालने के लिए टनल बनाने का काम प्रारम्भ

जांजगीर-चांपा। 10 साल के राहुल को बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में फंसे हुए करीब 48 घंटे हो चुके हैं। राहुल 60 फीट से भी नीचे गड्‌ढे में फंसा हुआ है। उसे बचाने की जद्दोजहद जारी है। राहुल को निकलने के लिए रोबोट का तरीका फेल हो जाने के बाद अब उसे टनल के सहारे ही बाहर निकाला जाएगा।

60 फिट के ऊपर हुई खुदाई

रेस्क्यू स्टेशन से गहराई की ली गई नाप के अनुसार, 61.5 फीट खुदाई हो चुकी है। करीब 60 फीट नीचे JCB को उतार कर सुरंग बनाने वाली जगह के आसपास से मिट्‌टी हटाई जाएगी। बताया गया है कि 9 मीटर की टनल बनाई जाएगी। टनल के लिए करीब 20 फीट लंबा पाइप तैयार किया गया है। काम शुरू होने के बाद उसे नीचे उतारा जाएगा।

रोबोट से निकालने का प्रयास हुआ विफल

राहुल के बचाव के लिए गुजरात से रोबोटिक्स इंजीनियर महेश अहीर को बुलाया गया। उन्होंने रोबोट के जरिए राहुल को बाहर निकालने का प्रयास किया, पर कीचड़ और पानी के चलते रोबोट सफल नहीं हो सका।दरअसल अभी तक महेश ने जिन बच्चों को रोबोट के जरिए रेस्क्यू किया है, उनमें सभी की उम्र 3 से 5 साल के बीच थी और उनके वजन कम थे।

SECL के अनेक बचाव दल मौजूद

प्रशासन के निर्देश पर अब तक SECL की कुसमुंडा, मानिकपुर और मनेंद्रगढ़ से भी रेस्क्यू टीम पहुंची है। इसे SECL की सबसे बड़ी रेस्क्यू टीम बताया जा रहा है। यह टीम अंडरग्राउंड खदान में अचानक होने वाली दुर्घटनाओं के समय राहत और बचाव कार्य करती है। वह अपने साथ कई तरह के उपकरण लेकर आई है। ऑफिसर इंचार्ज जीपी शुक्ला के नेतृत्व में 10 सदस्य इस टीम में हैं।

रेस्क्यू के लिए भारी-भरकम इंतजाम

मौके पर जिला प्रशासन ने आपात स्थिति से निपटने के इंतजाम शुरू कर दिए हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित उनकी टीम मौजूद है। मौके पर ऑक्सीजन सिलेंडरों की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा दो एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड भी मौजूद है। वहीं अतिरिक्त JCB, पोकलेन, हाइवा भी मंगाए गए हैं। कोरबा और झारखंड से भी खदान एक्सपर्ट और कई मशीनें ड्रिल और अन्य कार्य के लिए मंगाई गई हैं। बताया जा रहा है कि अब टनल याने सुरंग ही बच्चे को निकालने का एकमात्र विकल्प बचा है।

समय पर भोजन और फल की आपूर्ति

रविवार सुबह से ही राहुल में हलचल दिखाई दी। इसके बाद उस तक खाने की सामग्री पहुंचाई गई है। बताया जा रहा है कि राहुल 30 मिनट के लिए सो गया था। उठने के बाद उसे केला खाने के लिए दिया गया और जूस भी दिया गया है। बोरवेल में फंसा राहुल अपनी ओर से लगातार हिम्मत दिखा रहा है। दीवारों से रिस रहा पानी बोरवेल के अंदर भर गया तब उसे निकालने के लिए जवानों ने बाल्टी डाली तो राहुल ने खुद ही पानी निकालने में मदद की। हालांकि बच्चे की मानसिक स्थिति को देखते हुए भी बाहर निकालने में परेशानी हो रही है। राहुल बोल और सुन भी नहीं सकता है।

गौरतलब है कि जांजगीर के पिहरीद गांव का राहुल अपने घर के पीछे खेलते समय शुक्रवार दोपहर को बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था। तब से उसे बचाने के प्रयास जारी हैं। प्रशासन, सेना और NDRF की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चला रखा है। इसमें चट्‌टानों के चलते खुदाई पर असर पड़ा है।

परिजनों का बुरा हाल

इस हादसे के बाद से ही राहुल की मां और उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। हर कोई यह उम्मीद लगाए बैठा है कि जल्दी से राहुल को बाहर निकाल लिया जाए। पूरे गांव के लोग भी रात भर उसी जगह पर टिके रहे, जहां पर बच्चा गिरा है। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है वहीं भाई उससे 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन की दुकान है।

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