महिलाओं का हक मार फुंडहर में 11 करोड़ की लागत में बनें वर्किंग वुमेंस हॉस्टल को अब योग आयोग को देने को तैयार नगर निगम

रायपुर। नगर निगम ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगे फुंडहर में 11 करोड़ की लागत से बने वर्किंग वुमेंस हॉस्टल कोरोना काल के बाद से खाली पड़ा है। कामकाजी महिलाओं के लिए बना यह सर्वसुविधा युक्त हॉस्टल भवन अब देख-रेख का बाट जोह रहा है।

जानकार कहते हैं कि शासन द्वार बनाए गए इस हॉस्टल का प्रचार-प्रसार विभाग ने सही तरीके से नहीं किया। यही वजह है कि नौकरी या ट्रेनिंग के लिए राजधानी आने वाली ज्यादातर कामकाजी महिलाएं इस सुविधा से अनजान हैं। वहीं इस बारे में नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि निगम स्तर पर हॉस्टल की पूरी जानकारी दी गई है।

आनन-फानन में योग आयोग को देने की तैयारी

नगर निगम ने इस हॉस्टल भवन को अब योग आयोग को देने की तैयारी कर ली है। नगर निगम के एमआईसी बैठक में यह प्रस्ताव भी पास कर दिया गया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से रोजगार की तलाश में राजधानी आने वाली महिलाओं के लिए नगर निगम ने क्या व्यवस्था की है। ऐसे में सवाल उठाता है कि महिलाएं व छात्राएं जो रोजगार के लिए राजधानी का रूख करती हैं उनका हक योग आयोग को ही क्यों दिया जा रहा है? एक अन्य सवाल यह भी है कि क्या नगर निगम ने कामकाजी महिलाओं के लिए अन्य हॉस्टल की व्यवस्था की है या नहीं?

दूरी का बनाया बहाना

नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि यह हॉस्टल शहर से बेहद दूर है। जिस उद्देश्य से यह हॉस्टल बनाया गया था वह पूरा नहीं हुआ। जिसके बाद अब इसे नियमित योग प्रशिक्षण केंद्र बनाने पर सहमति बनी है।

कब बना था प्रस्ताव – 2017
निर्माण वर्ष – 2019
लागत – 11 करोड़
भवन का प्रकार – G+3

दूसरे शहरों से आने वाली और अकेले रहने वाली महिलाओं व युवतियों को बेहतर आवासीय सुविधा देने के उद्देश्य से इस हॉस्टल का निर्माण 2019 में पूर्ण कर लिया गया। 220 बेडेड इस हॉस्टल में तमाम तरह की सुविधाएं हैं ताकि महिलाओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

हॉस्टल में सुविधाएं

इंडोर स्पोर्ट्स, अस्पताल, डायनिंग की सुविधा, किचन, 4 लिफ्ट साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरे की भी व्यवस्था है।

भवन की सुरक्षा है सवाल

नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान मई 2019 में इसे डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया गया था। दो वर्षों तक इसमें कोरोना के मरीजों का ही उपचार हुआ। कोरोना के नए मामलों में कमी आने के बाद से अब इस हॉस्टल बिल्डिंग का उपयोग नहीं हो पा रहा है। ऐसे में भवन के मेंटेनेंस की समस्या भी एक बड़ा सवाल है। जिसके बाद अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर इसे योग आयोग को दिए जाने पर सहमति बनी है। योग आयोग ही इस भवन की देखरेख करेगा।

सीएम भूपेश बघेल के निर्देश पर योग आयोग को देगा निगम

फुंडहर के वर्किंग वुमेंस हॉस्टल के भवन को मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर योग आयोग को दिए जाने का प्रस्ताव आज एमआईसी में पारित कर दिया गया है। जहां लाभार्थी अष्टांग योग का प्रशिक्षण ले सकेंगे। कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल के संबंध में प्रस्ताव पर नए सिरे से विचार किया जाएगा।
ज्ञानेश शर्मा, चेयरमैन पीडब्ल्यूडी एवं अध्यक्ष छत्तीसगढ़ योग आयोग

सामान्य सभा में करेंगे विरोध

पूर्ववर्ती सरकार ने कामकाजी महिलाओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यह प्रस्ताव लाया था। अगर योग आयोग को किसी प्रकार के भवन की मांग है तो आयोग अपनी मांग सरकार के समक्ष रख सकता है। हम सामान्य सभा में इस मुद्दे का विरोध करेंगे।
मीनल चौबे, नेता प्रतिपक्ष

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