रायपुर। 17 जून को एक मजबूर पिता ने जब मुख्यंत्री से अपने बच्चे के इलाज की गुहार लगाईं थी तो शायद उन्होंने भी ये ना सोचा हो कि उनकी पुकार इतनी जल्दी सुन ली जाएगी। प्रदेश के मुखिया ने पिता के ट्वीट का जवाब दिया और कहा “बच्चे के इलाज की जिम्मेदारी अब छत्तीसगढ़ सरकार की है, आप निश्चिंत रहें। वर्तमान और भविष्य दोनों स्वस्थ व सुरक्षित हों, इसके लिए हम सब प्रतिबद्ध हैं।” मुख्यमंत्री के इस ट्वीट ने उस मजबूर पिता को जहाँ नयी उम्मीद दी, वही बच्चे को नवजीवन का वादा।

सिद्धार्थ के दिल में है 7mm का छेद

बच्चे के पिता रतनलाल यादव से जब हमने बात की और उनके बच्चे के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि बच्चा सिर्फ चार महीने का है। बच्चा जिसका नाम सिद्धार्थ है, के दिल में जन्म से ही 7mm का छेद है। जिसके कारण ह्रदय से जो रक्त ऑक्सीजन लेने के लिए फेफड़ों में जाना चाहिए वो बिना फेफड़ों में गए शरीर के हर अंग में पहुंच रहा है। जबकि वो रक्त जो ह्रदय से सीधे शरीर में पहुंचना चाहिए वो फेफड़ों में जाकर जमा हो जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार यह एक दुर्लभ स्थिति होती है जो बहुत कम पाई जाती है।

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इलाज में लगेंगे 7 – 8 लाख रूपए

बता दें कि सिद्धार्थ के पिता रायपुर स्थित एक मॉल में सेल्समैन का काम करते थे। पिछले लॉकडाउन में लेकिन वे बेरोज़गार हो गए थे। इसी बीच उन्हें सिद्धार्थ की बिमारी का पता चला। डॉक्टर्स से उन्हें पता चला कि सिद्धार्थ का इलाज प्रदेश में नहीं हो सकता और उन्हें सिद्धार्थ के इलाज के लिए हैदराबाद जाना होगा। सिद्धार्थ के पिता ने बताया कि बच्चे के इलाज में करीब 6 से 8 लाख रूपए का खर्च उन्हें बताया गया है। लेकिन एक मध्यमवर्गीय परिवार से होने के कारण बच्चे के इलाज के लिए रकम जुटाना उनके लिए काफी मुश्किल था। रतनलाल ने बताया कि अब मुख्यमंत्री द्वारा मिले आश्वाशन के बाद उनका परिवार में उम्मीद की लहार दौड़ गयी है। और उन्हें भरोसा है कि उनके बच्चे का अब जल्द से जल्द इलाज हो जायेगा।

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