हैदराबाद। देश में कोरोना की रफ्तार बढ़ती का रही है। कोरोना से निपटने बूस्टर डोज के लिए भारत बायोटेक ने नेजल कोरोना नैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल पूरा कर लिया है। दवा निर्माता कंपनी के अध्यक्ष और एमडी डॉ कृष्णा एला ने आज इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया, “डेटा विश्लेषण चल रहा है। हम नियामक एजेंसी को डेटा जमा करेंगे। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो हमें लॉन्च करने की अनुमति मिल जाएगी और यह दुनिया का पहली क्लिनिकली प्रोवेन नेजल कोविड-19 वैक्सीन होगी।
भारत के औषधि महानियंत्रक की विषय विशेषज्ञ समिति ने भारत बायोटेक को अपने इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन के लिए ‘फेज- III बूस्टर खुराक अध्ययन’ के लिए ‘सैद्धांतिक रूप से’ मंजूरी दे दी, जो भारत में अपनी तरह का पहला है। इसे मंजूरी के लिए कुछ सप्ताह पहले प्रोटोकॉल सौंपने के लिए कहा गया था।

कोरोना के संक्रमण और ट्रांसमिशन को रोकने में कारगर

भारत बायोटेक की वेबसाइट के अनुसार, “इंट्रानेजल वैक्सीन आईजीजी, म्यूकोसल आईजीए, और टी सेल प्रतिक्रियाओं को बेअसर करने वाले इम्यून रिस्पांस को उत्तेजित करता है और संक्रमण के स्थान पर (नाक के म्यूकोसा में) प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बनाता है जो कोरोना के संक्रमण और ट्रांसमिशन दोनों को रोकने करने के लिए जरूरी है।

इंट्रानेजल वैक्सीन ओमिक्रॉन पर ज्यादा असरदार

भारत बायोटेक देश में तीसरी खुराक के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए आवेदन जमा करने वाली दूसरी कंपनी है। इंट्रानेजल वैक्सीन कथित तौर पर नए कोविड-19 वेरिएंट जैसे ओमिक्रॉन के ट्रांसमिशन को रोकने की क्षमता रखते हैं। भारत ने देश में टीकाकरण के लिए कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक V को मंजूरी दी है।

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