तीन पत्नियों का चुनाव लड़ना पंचायत सचिव को पड़ा भारी
तीन पत्नियों का चुनाव लड़ना पंचायत सचिव को पड़ा भारी

सिंगरौली। मध्य प्रदेश में इन दिनों पंचायत का चुनाव जोरों पर है। इस चुनाव में अलग-गजब रंग भी देखने को मिल रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में ग्राम पंचायत सचिव की 3 पत्नियां चुनाव लड़ रही हैं। पत्नियों ने प्रचार के लिए दबाव बनाया तो सचिव को घर-गांव छोड़ना पड़ा। उधर विभाग को इसकी जानकारी मिलने पर जनपद पंचायत के सीईओ ने कारण बताओ नोटिस जारी कर सचिव से जवाब मांगा, लेकिन जवाब नहीं मिलने पर सचिव को सस्पेंड कर दिया गया।

इस तरह हुआ मामले का खुलासा

एमपी के सिंगरौली जिले के जनपद पंचायत देवसर के अंतर्गत आने वाली घोंघरा पंचायत के सचिव सुखराम सिंह की तीन पत्नियां हैं। ग्राम पंचायत पीपरखाड़ से दो पत्नियां कुसुमकली और गीता सिंह सरपंच पद की उम्मीदवार हैं। वहीं उर्मिला सिंह जनपद सदस्य निवार्चन क्षेत्र 13- पेडरा से चुनाव मैदान में उतरी हैं। बता दें कि गीता सिंह तो पहले भी सरपंच रही है। इसका खुलासा तब हुआ जब कार्यालय में इन तीनों महिलाओं के नामांकन में सुखराम सिंह को पति बताया गया है।

सचिव के आचरण से कार्यालय छवि हुई धूमिल : सीईओ

यह मामला सामने आने के बाद जनपद पंचायत देवसर के सीईओ ने सुखराम को कारण बताओ नोटिस जारी किया। जब कोई जवाब नहीं मिला तो उसे निलंबित करने की सिफारिश जिला पंचायत सीईओ से कर दी है। उन्होंने पत्र में कहा है कि सुखराम सिंह का आचरण शासकीय कर्मचारी से अपेक्षित शिष्टता, शालीनता और आदर्श आचरण तथा नियमों के विपरीत है। इससे इस कार्यालय और संपूर्ण कर्मचारियों की छवि धूमिल हुई है। इस आधार पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उसे निलंबित किया जाए।

सुखराम का सुख-चैन उड़ा

सुखराम की पहली पत्नी देवसर जनपद सदस्य का चुनाव लड़ रही हैं। दूसरी पत्नी कुसुमकली व तीसरी गीता सिंह ने पिपरखड़ ग्राम पंचायत में सरपंच पद के लिए नामांकन दाखिल किया है। अब कुसुमकली तो पहले भी सरपंच रही है, गीता सिंह की उम्मीदवारी से सुखराम का सुख-चैन उड़ गया है। दोनों ही चाहती हैं कि सुखराम उनके लिए प्रचार करें। अब परेशानी इतनी बढ़ गई है कि सुखराम ने गांव और घर से कुछ दिन के लिए रुखसत ले ली है।

कार्रवाई कैसे होगी, जब पत्नियों को परेशानी नहीं

जनपद सीईओ बीके सिंह ने हिन्दू अधिनियम के विरुद्ध जाकर तीनों को दस्तावेज में पत्नी बताने पर नोटिस थमा दिया। हालांकि अभी तक नामांकन खारिज नही हुआ है। देवसर एसडीएम आकाश सिंह का कहना है कि किसी भी पत्नी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है। जब पत्नियों को कोई समस्या नहीं है, तो कार्रवाई का सवाल भी फिलहाल नहीं उठता। जब कोई शिकायत आएगी, तब जरूर कार्रवाई की जाएगी।

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