नई दिल्ली। देश के प्रमुख तीर्थ स्थालों में से एक पवित्र अमरनाथ यात्रा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज से शुरू हो गई । बीते दो सालों से कोरोना महामारी के बढ़ते फैलाव के कारण अमरनाथ यात्रा को एहतियात के तौर पर केंद्र सरकार की ओर से प्रतिबंध लगाए गए थे। कोरोना महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंध के कारण अमरनाथ यात्रा के इच्छुक श्रद्धालुओं को दो सालों से मायूस होना पड़ा था। इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए सख्त पाबंदी नहीं है लेकिन सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार कोरोना से बचाव संबंधी नियमों के तहत मास्क लगाने सहित सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करना आवश्यक है।

अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं का जत्था बाबा अमरनाथ के दरबार में पहुंचने लगा है। आज सुबह पहलगाम बेस कैंप में जब श्रद्धालुओं का पहला जत्था पहुंचा तो वहां खुशी का माहौल था। बाबा बर्फानी के जयकारे से यात्रा मार्ग गूंज उठा। स्थानीय लोगों ने अमरनाथ यात्रियों का स्वागत किया। गुरुवार सुबह बालटाल और चंदनवाड़ी से श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना हुआ।

गौरतलब है कि इस बार अमरनाथ यात्रा को लेकर केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने काफी इंतजाम किए हैं। इस बार पवित्र अमरनाथ गुफा में रिकॉर्ड श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। नुनवान आधार शिविर से 2,750 तीर्थयात्रियों के एक जत्थे के दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित गुफा मंदिर के लिए रवाना होने के साथ ही वार्षिक अमरनाथ यात्रा बृहस्पतिवार को शुरू हो गई।

उपायुक्त पीयूष सिंगला ने अनंतनाग जिले के पहलगाम में नुनवान आधार शिविर से तीर्थयात्रियों के जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सिंगला ने बताया कि 43 दिवसीय तीर्थयात्रा का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी कोशिश यह सुनिश्चित करना है कि तीर्थयात्री सुरक्षित महसूस करें और शांतिपूर्वक तरीके से मंदिर की पवित्र गुफा में शिवलिंग के दर्शन कर पाएं।”

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार सुबह जम्मू शहर के भगवती नगर आधार शिविर से वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए 4,890 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को कश्मीर के पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों की यात्रा के लिए रवाना किया था। अधिकारियों ने बताया कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने प्राकृतिक रूप से बने बर्फ लिंगम के ऑनलाइन दर्शन करने की व्यवस्था भी की है।

उन्होंने कहा कि इस साल तीर्थयात्रियों की संख्या सामान्य से अधिक होने की उम्मीद है क्योंकि यह यात्रा करीब तीन साल के अंतराल के बाद आयोजित की जा रही है। बता दें कि वर्ष 2019 में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 के अधिकतर प़्रावधान को रद्द करने के बाद यात्रा बीच में ही स्थगित कर दी गई थी, जबकि साल 2020 और 2021 में कोविड-19 वैश्विक महामारी की वजह से यात्रा का आयोजन नहीं किया गया था। अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर समाप्त होगी।

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