रायपुर। सूबे में केंद्रीय जांच एजेंसियों की लगातार दबिश ने कार्रवाई की ज़द में आए हाई प्रोफाइल लोगों की पेशानी में जितना बल लाया, उससे कहीं ज़्यादा तनाव में राज्य की ख़ुफ़िया एजेंसिया रहीं। आईटी और ईडी की पखवाड़े भर में राजधानी रायपुर, दुर्ग, भिलाई, रायगढ़ , कोरबा और महासमुंद में सक्रियता को लेकर कोई भी पुख्ता खबर पता लगाने में एक तरह से नाकाम रही। इसका खामियाज़ा अब पुलिस की ख़ुफ़िया टीम को भुगतना भी पड़ेगा। सूत्रों की मानें तो जल्द ही स्पेशल ब्रांच से लेकर गुप्तवार्ता तक में फेरबदल होना है। एसबी की पूरी टीम की नाकामी का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्हें आईटी की रेड है या ईडी की और कौन रेड को लीड कर रहा ये भी नहीं पता था। आयकर की संयुक्त टीम की कार्रवाई में संख्या, कहां कहाँ दबिश दी गई है यह पता घंटों बाद ही चल पाया। हालाकिं पहले ईडी व आईटी ने सप्ताहभर पूर्व की कार्रवाई से पहले भी चकमा देने में सेन्ट्रल की आर्थिक सतर्कता टीम कामयाब रही थी फिर भी हाल ही कि कार्रवाई में भी पुलिस का खुफिया तंत्र सावधानी नहीं बरत पाया।

ऐसे छकाती रही आईटी

पिछले महीने दस सदस्यी टीम दिनभर खुद को उजागर करते हुए भिलाई-दुर्ग और रायपुर में टार्गेटेड प्रीमाइसिस में लोकल पुलिस को बताकर कार्रवाई की। इस दौरान लोकल पुलिस और राज्य सरकार के सहयोग का आंकलन करती रही। हकीकत से रूबरू होकर केंद्रीय जाँच टीम लौटी तो एसबी की टीम पीछा करती रही और उस वक्त सभी का मोबाइल लोकेशन भी ट्रेस किया गया। यह समझते ही सभी दसों ने अलग अलग रास्तों से लखौली के पास पहुंचे और सभी ने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया था। लब्बोलुआब यह कि तीसरी बार से पूर्व में दो दफे की गई जाँच कार्रवाई शासन का रिस्पॉन्स चेक करने के लिए था।

गुप्तवार्ता में इनपर गिर सकती है गाज

एएसपी, डीएसपी, और तक़रीबन आधा दर्जन निरीक्षक उपनिरीक्षक आला औहदेदारों को कार्रवाई के बाद सटीक जानकारियां नहीं दे पाए । मज़े की बात साइबर सेल भी एक साथ इतने सारे नए नंबरों के संबंधित इलाकों में एक्टिवेट रहने के बाद भी उन्हें ट्रेस नहीं कर पाया। जबकि आईटी-आईडी के 40 के करीब स्टाफ व इससे ज्यादा सीआरपीएफ का बल एमपी, झारखण्ड , महाराष्ट्र सीमा से प्रदेश में इंटर किये थे।

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