रायपुर। नान घोटाला (NAN Scam) रमन सिंह (Dr. Raman Singh) जी के मुख्यमंत्री रहते हुए भाजपा सरकार में हुआ। नान घोटाले को रमन सिंह के समय ही एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पकड़ा। अभियुक्तों की गिरफ्तारी भी उसी समय हुई। उसी समय जप्त डायरी से पता चला कि पैसा सीएम, सीएम मैडम और ऐश्वर्या रेसीडेंसी में जाता था। अब एक व्यक्ति शिवशंकर भट्ट ने अदालत में शपथपूर्वक बयान देकर जो बातें कहीं है, वे नान घोटाले की भयानकता को दर्शाती है।

कुल 36000 करोड़ रु का है नान घोटाला

अनुमान लगाया गया था कि कुल 36000 करोड़ रु का नान घोटाला हुआ है लेकिन शिवशंकर भट्ट के बयान से लगता है कि घोटाला कहीं बड़ा था। बयान में भारतीय जनता पार्टी कार्यालय, तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के घर पर और दूसरे भाजपा नेताओं के घर पैसा पहुंचाने के विवरण दिए गए हैं। इस बयान से साबित हो गया है कि डायरी में दर्ज सीएम रमन सिंह ही थे, सीएम मैडम उनकी पत्नी वीणा सिंह ही थीं। कांग्रेस उम्मीद करती है कि इस बयान के बाद नए सिरे से जांच की जाएगी और सच सामने आएगा।

भाजपा ने दबाव डालकर सच को सामने आने से रोक रखा था

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह जी ने अंतागढ़ मामले में मंतूराम पवार और नान के मामले में शिवशंकर भट्ट के बयान पर हास्यास्पद प्रतिक्रिया दी है। वे कह रहे हैं कि काग्रेंस की सरकार दबाव डालकर बयान दिलवा रही है। सच यह है कि दोनों मामले भाजपा सरकार के दौरान ही दर्ज हुए थे। कांग्रेस विपक्ष में रहते हुए जो आरोप लगा रह थी, उसके सबूत भी एक-एक करके मिल रहे थे। सच यह है कि भाजपा सरकार ने दबाव डालकर सच को सामने आने से रोक रखा था।

अब भाजपा के नेता कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते

अब जब सरकार बदली है और यह विश्वास हो गया है कि अब भाजपा के नेता किसी तरह से कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते तो सच सामने आ रहा है। मंतूराम पवार और शिवशंकर भट्ट के बयान बताते हैं कि दोनों पर कितना दबाव पूर्ववर्ती सरकार का रहा होगा। रमन सिंह जी दरअसल डरे हुए हैं कि इन दोनों बयानों के बाद शेष मामलों में भी लोग खुलकर सामने आने लगे तो उनके कार्यकाल के सारे घोटालों का सच सामने आ जाएगा। जैसा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने विधानसभा में कहा था, अभी तो कुछ फ़ाइलों की धूल झाड़ी गई है, अभी नई जांच तो बाक़ी है। रमन सिंह सच जानते हैं और यह भी जानते हैं कि अगर सच सामने आए तो उनका क्या हश्र होगा।

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