मल्टी लेवल पार्किंग में बेख़ौफ़ दी जाती रही कुर्बानी
पांच करोड़ की लागत वाली बिल्डिंग में मांस मंडी

रायपुर। सालों पहले राजधानी रायपुर के कलेक्टोरेट परिसर को गांधी धाम घोषित किया जा चूका है। यहां शहर में लॉ एंड ऑर्डर कायम रखने वाले दो आला अफसरों पहला कलेक्टर और दूसरा पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी कायम है। परिसर में धूम्रपान और शराब सेवन भी प्रतिबंधित किया गया है। ऐसे में परिसर के किसी कोने में बेखोफ लोग बेखट के धड़ल्ले से बकरों की कुर्बानी देते दिखे। चौंकाने वाली बात यह कि बकरों के क़त्ल किये जाने की खबर औरचित्कार करते जानवरों की आवाज़ मिडिया तक पहुँच गई लेकिन कलेक्टोरेट के जिम्मेदार अधिकारी इस नृशंसता से बेखबर रहे।


मामला रविवार दस जुलाई की सुबह से दोपहर 3 बजे तक का है। टीआरपी को सुचना मिली की कलेक्टोरेट परिसर की मल्टी लेवल पार्किन में बकरों की बलि दी जा रही है। बिना अनुमति 5 करोड़ रूपये की लगत से बने मल्टी लेवल पार्किंग में मटन मंडी लगी हुयी है। खबर की तस्दीक करने पर पता चला की आधा दर्जन से ज़्यादा बकरों को यहाँ कुर्बान किया जा चका है। जब टीआरपी ने पुरे जायज़ा लिया तब भी पार्किंग की पहली मंज़िल में एक बकरा अपने काटे जाने से घबराया हुआ बंधा था. वहीँ पास ही में तीन कसाई बकरे की खाल उतरने में मसरूफ थे तो निचे ही दो बकरे कुर्बान पड़े थे।

कलेक्टोरेट पार्किंग लहूलुहान


पार्किंग की ज़मीन जानवरों के खून से लाल थी और बकरों को ज़िबा करने के बाद उनके टुकड़े भी यहीं किये जा रहे थे। साफ हो जाता है कि जमनपाली और साहीवाल ब्रीड के महंगे बकरों की ये कुर्बानी पार्किंग ठेकेदार के गुर्गों और रसूखदार लोगों की शह पर ही यूं सरेआम किया गया है। यह बताना भी लाज़मी है की कलेक्टोरेट परिसर में सुरक्षा बालों के जवान भी तैनात थे पर वे भी सरकारी परिसर में खुले कसाई खाने पर आपत्ति करते नहीं दिखे।


अवकाश मनाते रहे अफसर


रविवार और ईद -ओ -अजह की आज छुट्टी थी, इसलिए कलेक्टोरेट और एसपी ऑफिस बंद था। अफसर घरों में आराम फरमाते रहे और फोन पर भी वो उपलब्ध नहीं हुए। पार्किंग में बैठे कारिंदों से जब पूछा गया कि कुर्बानी दी जा रही है तो बेख़ौफ़ पार्किंग स्टाफ का जवाब था हां बकरा काट रहे हैं।