दो पद स्वीकृत थे, 28 को दे दी गई नौकरी

केटीयू अब तक बतौर तनख्वाह बांट चुका 98 लाख रुपए

रायपुर / सुकांत राजपूत। वजूद में आने के बाद से ही मानों जैसे कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय और विवादों में चोली-दामन का रिश्ता है। केटीयू के सबसे आला औहदेदारों से लेकर मझोले कर्मचारियों की नियुक्ति और प्रबंधन के खर्चों से लेकर कार्यसमिति के फैसलों तक विवादग्रस्त है। पात्र और अपात्रों को नौकरी दे दिए जाने की शिकायत राज्य सरकार, राजयपाल से लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट तक की गई है। शिकायतें बहुत हैं लेकिन पहली दफा अनुशासित कार्रवाई केटीयू में राज्य शासन की तरफ से नियुक्त वित्त अधिकारी केएल. रवि ने की है।

पिछले कई सालों से बिना स्वीकृत पद के 28 कर्मचारियों को शासन के ख़ज़ाने से पगार दी जा रही थी। केएल रवि ने जब यह आर्थिक अनियमित्ता पकडे तो उन्हों ने फ़ौरन ही केटीयू के कुलपति, कुलसचिव को मौखिक और बाद में लिखित आपत्ति किये। आपत्ति का जवाब देना तो दूर केटीयू के दोनों आला औहदेदारों ने गलत को सहीं करने के लिए एक और गंभीर गलती कर बैठे है। इनके इस सहीं और गलत के चक्कर में 28 दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को 2 माह से वेतन नहीं मिला है। वहीँ मनमाफिक भर्ती का खामियाज़ा शासन अब तक अस्वीकृत पदों में तैनात स्टाफ को वेतन भुगतान कर अदा कर रहा है।

ऐसे हुई साल दर साल गलती
वर्ष 2005 में केटीयू वजूद में आया और वर्ष 2010 में नियमित पदों पर नियुक्तियां शुरू हुई। तृतीय और चतुर्थ श्रेणि के 28 लोगों को बिना कार्यसमिति की बैठक में रखे और शासन की वित्त विभाग की अनुमति के बिना वेतन पर रख लिया। अस्वीकृत 28 पदों में तैनात स्टाफ को अब तक 98 लाख रूपये से ज्यादा का भुगतानबतौर तनख्वाह किया जा चूका है। साल दर साल कुलपति, कुलसचिव और वित्त अधिकारी आए और चले गए लेकिन इस गंभीर आर्थिक और प्रशासनिक चूक की अनदेखी जिम्मेदार करते रहे।

तीन ने किया नज़र अंदाज़ चौंथे ने पकड़ा
बताते हैं कि केटीयू में तीन फायनेंस ऑफिसर आए और इन गड़बड़ियों की अनदेखी करते हुए सरकारी पैसों को नियम विरुद्ध की गई भर्ती वाले कर्मचारियों को रेवड़ियों की तरह बाटते रहे। लेकिन राज्य सरकार द्वारा तैनात नए वित्त अधिकारी केएल रवि ने ये गलती पकड़ा और सभी अस्वीकृत पदों वाले 28 कर्मचारियों का वेतन 2 माह से रोक दिया है। केएल रवि ने कुलसचिव को अब तक उक्त अस्वीकृत पदों पर तैनात कर्मचारियों को दी गई सैलरी और पदों को नियमित करने को कहा है, ऐसा नहीं करने की स्थिति में केटीयू कुलसचिव को सभी के वेतन भुगतान की राशि तक़रीबन 98 लाख की भरपाई करने की चेतावनी दे चुके हैं। अब इस सख्ती और पेंच आने के बाद केटीयू की कार्यसमिति करीब 10 -15 साल पहले की गई इस गलती को सुधारने के लिए अभी बैठक कर उक्त पदों को नियमित करने का प्रयास की है।