0 अब रायपुर की एक कंपनी ने स्टील प्लांट के लिए रखा प्रस्ताव

रायपुर। उद्योगों और उद्योगपतियों से अपनी ज़मीन और पर्यावरण को बचाने अब फिर एक बार चौरेंगा और आसपास के अन्य ग्रामवासियों ने शंखनाद किया है। चौरेंगा बलौदाबाजार जिले का वही गाँव है जहाँ वर्ष 2004-05 में ग्रामीणों ने आंदोलन कर स्पंज आयरन की फैक्ट्री नहीं लगने दी थी। इस दौरान गाँव की 23 महिलाए एवं 17 पुरूषों को 7 साल के कारावास की सज़ा भी हुई थी। तब ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए यहां फैक्ट्री बंद करा दी गयी थी।

अब चौरेंगा के ग्रामवासी यहाँ निर्माणाधीन सोलर पावर प्लांट का विरोध कर रहें हैं। ग्रामीणों के अनुसार ये सोलर प्लांट भी उसी जमीन पर बन रहा है जिसपर पूर्व में स्पंज पवार प्लांट का निर्माण हुआ था। ग्रामवासियों का आरोप है कि यहाँ की 17 एकड़ जमीन हेतु कृष्णा आयरन स्ट्रिप्स एंड ट्यूब्स लिमिटेड जो यहां सोलर पावर प्लांट लगाना चाहती है, को फ़र्ज़ी तरीके से अनापत्ति प्रमाण पत्र चौरेंगा ग्राम पंचायत द्वारा जारी किया गया था। जिसके विरोध में बीते 29 जून को गांववालों ने ग्रामसभा आयोजित कर पूर्व में जारी किये गए प्रमाण पत्र को निरस्त कराया था। इस ग्रामसभा में लगभग 446 ग्रामीणों ने उद्योग को जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र के विरोध में हस्ताक्षर कर इसे निरस्त कराया था।

ग्राम सभा के नियमों का किया गया उल्लंघन

बता दें कि वर्ष 2005 में स्पंज आयरन फैक्ट्री बंद कराने के बाद ग्रामवासियों की सहमति से ये तय किया गया था कि यहाँ किसी भी प्रकार का उद्योग स्थापित नहीं किया जायेगा। जिसके बावजूद यहाँ चौरेंगा ग्राम पंचायत ने फ़र्ज़ी ग्रामसभा के सहारे कृष्णा आयरन स्ट्रिप्स एंड ट्यूब्स लिमिटेड को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया था। वहीं हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने पत्थलगाँव में आयोजित भेंट मुलाकात कार्यक्रम में एक महिला द्वारा की गयी शिकायत पर ये सुनिश्चित किया था कि यदि किसी ग्राम सभा में उद्योग लगाने को लेकर प्रस्ताव पारित नहीं होता है तो वहां फैक्ट्री नहीं लगाई जाएगी।

हाइवे से लगे होने के कारण हथियाना चाहते हैं जमीन

ग्रामवासियों का कहना है कि उनकी ज़मींन कृषि भूमि है, जिसपर गांववासियों की आजीविका निर्भर है। फिर भी कुछ उद्योगपति उनकी आजीविका के साधन को उनसे छीन लेना चाहते हैं। जिसकी प्रमुख वजह उन्होंने जमीन से लगे हाइवे को बताया। ग्रामवासियों के अनुसार जमीन हाइवे पर होने के कारण भूमाफिया और उद्योगपति समय समय पर जमीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश करते हैं। वही कुछ स्थानीय राजनेता भी इन उद्योगपतियों को संरक्षण देते हैं। ग्रामवासियों ने इन राजनेताओ पर भूमाफिया से सांठगांठ कर किसानो की जमीन हथियाने का आरोप भी लगाया। जबकि यहाँ चौरेंगा और आसपास के कामता, झीरिया, केसदा समेत लगभग 24 गाँवों के ग्रामीण अपनी जमीन पर उद्योग नहीं लगने देना चाहते और इन उद्योगों के स्थापना के खिलाफ है।

अब तीसरे उद्योग ने लगाई अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए अर्ज़ी

चौरेंगा ग्रामवासियों के लगातार विरोध के बीच अब उद्योग स्थापना के लिए तीसरे उद्योग ने एंट्री ले ली है। रायपुर स्थित बालाजी स्पंज एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड नामक उद्योग ने राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड को अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया है। इस आवेदन में ग्राम चौरेंगा के 28 एकड़ निजी भूमि एवं 15 एकड़ शासकीय भूमि के आबंटन की मांग की गयी है।

पत्र में कहा गया है कि उनके द्वारा उद्योग स्थापना हेतु संबंधित ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया है। किंतु उन्हें ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई आ रही है। जिसके लिए उन्होंने बलौदाबाजार कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बलौदाबाजार से सहयोग की मांग की गयी है।

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