नई दिल्ली । राष्ट्रपति चुनाव के लिए देशभर में चलाए जा रहे चुनाव प्रचार अभियान के बीच भाजपा आज अपने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर सकती है। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार के नाम पर विचार-विमर्श करने के लिए आज शाम भाजपा ने पार्टी मुख्यालय में संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है। पार्टी की सर्वोच्च निर्णय करने वाली इकाई- भाजपा संसदीय बोर्ड की आज की बैठक में उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर कई नामों पर तमाम पहलुओं के साथ चर्चा की जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बैठक में मौजूद रह सकते हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष की मौजूदगी में शनिवार को होने वाली इस बैठक में भाजपा उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगा सकती है।

बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान ही भाजपा नेता एनडीए में शामिल घटक दलों के नेताओं के साथ ही फोन पर विचार-विमर्श करेंगे और इसके बाद आज ही उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया जा सकता है।

अल्पसंख्यक समुदाय से हो सकते हैं उम्मीदवार

भाजपा की तरफ से उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार कौन होगा, इसे लेकर कयासों का दौर भी जारी है और कई नामों को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति पद के लिए आदिवासी महिला को उम्मीदवार बनाने वाली भाजपा उपराष्ट्रपति पद के लिए किसी वरिष्ठ नेता पर दांव खेल सकती है। देशभर में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश देने के मकसद से भाजपा अल्पसंख्यक समुदाय (सिख या मुस्लिम) से जुड़े नेता को भी उम्मीदवार बना सकती है।
हालांकि भाजपा आलाकमान के स्टाइल को देखते हुए तो यही दावा किया जा रहा है कि इस बार भी चौंकाने वाला कोई ऐसा नाम आ सकता है, जिसका विरोध करना विरोधी दलों के लिए भी संभव नहीं होगा।

बता दें कि देश के अगले उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 19 जुलाई है और अगर एक से ज्यादा उम्मीदवार चुनावी मैदान में रहे तो उपराष्ट्रपति पद के लिए 6 अगस्त को चुनाव होगा और नतीजों की घोषणा भी उसी दिन कर दी जाएगी।

उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मतदान करने के पात्र होते हैं। आंकड़ों की बात करें तो एनडीए गठबंधन का पलड़ा भारी है। भाजपा के पास अपने उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए पर्याप्त संख्या बल है। लेकिन उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने के बाद भाजपा गैर एनडीए राजनीतिक दलों से भी संपर्क स्थापित कर अपने उम्मीदवार के लिए समर्थन मांगेंगी।

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