रायपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री टीएस सिंहदेव के मंत्री पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद उनके प्रशंकों सहित प्रदेश की जनता भी आश्चर्यचकित हो गए हैं। भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस की छत्तीसगढ़ सरकार के साथ लगातार चार साल से कंधे से कंधा मिलकर चलने वाले मंत्री टीएस सिंहदेव के इस तरह मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कई तरह से कयास लगाए जा रहे है।


छत्तीसगढ़ वरिष्ठ विधायक टीएस सिंहदेव के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। मुख्यमंत्री ने रायपुर में कहा, “उन्हें मीडिया के माध्यम से इसकी सूचना मिली है। अभी तक उन्हें पत्र नहीं मिला है। उनके पास पत्र आएगा तो परीक्षण करा लेंगे।


मुख्यमंत्री रविवार को रायपुर के इनडोर स्टेडियम में आयोजित जैन संतों के चातुर्मास कार्यक्रम में शामिल हाेने पहुंचे थे। वहां पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा, “कल उन्होंने फोन लगाया था, लेकिन फोन लग नहीं पाया। हमारे बीच सब तालमेल है। हम इस संबंध में चर्चा कर लेंगे।


बता दें कि रविवार शाम मुख्यमंत्री निवास में कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी है। इसमें राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के लिए विधायकों को प्रशिक्षण दिया जाना है। इस बैठक में भी सिंहदेव के इस्तीफे की परिस्थितियों पर चर्चा की संभावना बन रही है।


सिंहदेव ने शनिवार शाम की थी घोषणा
मंत्री टीएस सिंहदेव ने शनिवार शाम को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफे की घोषणा की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चार पेज का एक पत्र लिखा है। इसमें विभाग में लगातार दखलअंदाजी और उनके प्रस्तावों पर काम नहीं होने की गंभीर शिकायतें हैं। इस पत्र के बाद प्रदेश की राजनीति में तूफान आया हुआ है।


संगठन ने साध ली है चुप्पी
इस मुद्दे पर कांग्रेस संगठन ने पूरी तरह से चुप्पी साध ली है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा, वे इस मामले पर कोई बात नहीं करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने फोन तक बंद कर लिया। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, पत्र अभी तक मिला नहीं है। उसके मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।