0 WHO से आए मलेरिया के लीए करोड़ों रुपयों की गड़बड़ी का है मामला दर्ज

0 मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत ईडी चला रहा है बर्खास्त आईएएस पर अभियोजन

रायपुर। पुर्व आईएएस बाबूलाल अग्रवाल के मामले में ED अभियोजन चला रहा है। लम्बे समय से ईडी के शिकंजे में फंसे बाबूलाल अग्रवाल एवं अन्य जेल में भी रहे। ऐसे में रायपुर विशेष न्यायालय द्वारा बाबूलाल के अधिवक्ता को पक्ष रखने की अनुमती दिए जाने के खिलाफ लगाई ईडी की याचिका को कोर्ट ने ख़ारिज कर लंबी चली बहस के बाद अब 29 अगस्त को मामले की फायनल हियरिंग की तारीख दिया है। याचिका स्वीकृत होने और फाइनल हियरिंग के बाद बाबूलाल को रहत मिलती है या नहीं इसका 29 अगस्त की हियरिंग से साफ हो जायेगा।

बता दें की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व आईएएस अधिकारी बाबूलाल अग्रवाल की 27 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अटैच किया है। केंद्रीय एजेंसी ने यह कार्रवाई भ्रष्टाचार व बेहिसाब संपत्ति से जुडे़ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की है। वर्ष 1988 बैच के आईएएस अधिकारी बाबूलाल को ईडी ने रायपुर में उनके घर से गिरफ्तार किया था और वे न्यायिक हिरासत में रहे । ईडी ने अटैच की गई संपत्तियों में एक प्लांट और मशीनरी, बैंक खातों में जमा राशि और बाबूलाल व उनके परिवार के नाम पर अचल संपत्तियां जब्त किया था। जिनकी कीमत 27.80 करोड़ रुपये है। इनमें 26.26 करोड़ रुपये का प्लांट व मशीनरी, 291 बैंक खातों में 20.43 लाख रुपये, उनकी कंपनी एक्सप्रेस माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम 39.52 लाख रुपये का प्लॉट और आयकर विभाग के छापे में जब्त 15 लाख रुपये शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार में प्रमुख सचिव रहे बाबूलाल को 2010 में भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआई ने भी गिरफ्तार किया था, जिसके बाद सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था। सीबीआई और छत्तीसगढ़ भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो की एफआईआर के आधार पर ईडी ने बाबूलाल, उनके भाई पवन और अशोक के साथ चार्टर्ड अकाउंटेंट सुनील अग्रवाल व अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। बाबूलाल के खिलाफ भ्रष्टाचार व बेहिसाब संपत्ति का खुलासा सबसे पहले फरवरी, 2010 में हुआ था, जब आयकर विभाग ने उन पर छापा मारा था।

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