योगी के फरार मंत्री को कोर्ट में सरेंडर के बाद

लखनऊ। कानुपर की एसीएमएम तृतीय की कोर्ट में दोषी करार दिए जाने के बाद गायब हुए यूपी के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने सरेंडर किया, तब सुनवाई शुरू हुई। इससे पहले छह अगस्त को कोर्ट रीडर द्वारा आदेश की मूल प्रति ले जाने की तहरीर कोतवाली में दी जा चुकी थी।

यूपी के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री राकेश सचान ने सोमवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी करते हुए मंत्री राकेश सचान को एक वर्ष का साधारण कारावास और 1500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इसके साथ ही कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी को मंजूर करते हुए 20-20 हजार के दो बंधपत्र एवं एक निजी मुचलके पर रिहा किया है।

बंद कमरे में हुई सुनवाई

इस मामले में कोर्ट के दरवाजे बंद करके सुनवाई पूरी की गई और कोर्ट रूम में सिर्फ वकील ही मौजूद रहे तथा बाकी सभी को बाहर कर दिया गया। कचहरी परिसर में सुबह से गहमागमी का माहौल रहा और पुलिस की कड़ी सुरक्षा के इंतजाम रहे।

10 की बजाय 8 को हो गई सुनवाई

दो दिन की गहमा गहमी के बाद आखिर सोमवार की सुबह यूपी के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान Rakesh Sachan करीब 12 :30 बजे कचहरी परिसर पहुुंचे और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी के चेंबर में करीब ढाई घंटे तक बैठे रहे। इस बीच अधिवक्ता रामेंद्र कटियार ने मंत्री राकेश सचान के खिलाफ अवैध असलहे के विचाराधीन मामले में कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया। इसमें प्रार्थना की गई कि मामले में 10 तारीख लगी है, चूंकि अरोपित मंत्री राकेश सचान आज कोर्ट आ गए हैं लिहाजा सुनवाई पूरी कर ली जाए।

कोर्ट में होना पड़ा हाजिर

इस प्रार्थना पत्र पर निर्णय सुरक्षित कर लिया गया क्योंकि उसमें मंत्री राकेश सचान के लिए कहा गया कि वह कचहरी आये हैं लेकिन स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण कोर्ट नहीं आ पा रहे हैं। जरिये अधिवक्ता सुनवाई के लिए कोर्ट राजी नहीं हुई तो मंत्री को कोर्ट में हाजिर होना पड़ा।

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के चेंबर से मंत्री राकेश सचान बाहर आए और कोर्ट की ओर चल दिए। उनके साथ अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी, पूर्व पदाधिकारी राकेश तिवारी समेत कई अधिवक्ता मौजूद रहे। इस दौरान पुलिस की सुरक्षा भी कड़ी रही। अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट आलोक यादव की कोर्ट में एमएसएम मंत्री राकेश सचान ने सरेंडर किया और सुनवाई शुरू हुई।

कोर्ट में वकीलों की दलीलें सुनकर न्यायाधीश ने सुनवाई पूरी की। अधिवक्ता रामेंद्र कटियार ने कम से कम सजा की मांग की। सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में सिर्फ वकीलों की मौजूदगी की अनुमति रही और बाकी सभी को बाहर रखा गया। कोर्ट ने दोषी करार दिए जा चुके मंत्री राकेश सचान को एक वर्ष का साधारण कारावास और 1500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाने के साथ जमानत भी मंजूर की है। अधिवक्ता ने कोर्ट से अपील के लिए 15 दिन का समय मांगा और उसकी कापी देने की बात कही थी। इसपर उन्हें 20-20 हजार के दो बंधपत्र एवं एक निजी मुचलके पर रिहा किया गया है।

फैसले की मूल प्रति लेकर हुए थे फरार

यूपी के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान के खिलाफ अवैध असलहा बरामदगी का मामला कानपुर की एसीएमएम तृतीय की अदालत में विचाराधीन चल रहा था। बीते छह अगस्त को कोर्ट का फैसला आना था और मंत्री भी कचहरी पहुंचे थे। कोर्ट दोषी करार दिए जाने के बाद वह अचानक गायब हो गए। देर शाम कोर्ट की रीडर कामिनी द्वारा कोतवाली में दी गई तहरीर में मंत्री राकेश सचान पर कोर्ट के आदेश की मूल प्रति लेकर फरार होने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी।

प्रकरण की जानकारी के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानपुर डीएम से रिपोर्ट तलब की थी। वहीं पुलिस अफसरों ने कोर्ट कर्मी की तहरीर पर जांच के बाद मुकदमा दर्ज करने की बात कही थी। कोर्ट की अनुमति के बाद सीसीटीवी फुटेज जांचने को लेकर पुलिस ने कवायद शुरू करने की जानकारी दी थी।

मूल प्रति को दोबारा तैयार करने की कवायद

एसीएमएम तृतीय की अदालत से आदेश की मूल प्रति मिसिंग होने पर रिकंस्ट्रक्ट की प्रक्रिया की बात सामने आई। किसी पत्रावली पर आदेश न्यायालय की संपत्ति होता है। ऐसी पत्रावली या कोई आदेश अथवा प्रपत्र चोरी या गुम हो जाने पर रिकंस्ट्रक्ट करने की प्रक्रिया की जाती है। इसके लिए हाईकोर्ट से अनुमति ली जाती है।

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