सूरजपुर जिले में संचालित एकलव्य विद्यालय को लेकर जनहित याचिका

बिलासपुर। सूरजपुर जिले के पार्वतीपुर के लिए प्रस्तावित एकलव्य स्कूल को प्रेमनगर के एक भवन में अस्थायी रूप से संचालित करने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई करते हुए केंद्र, राज्य सरकार और सूरजपुर कलेक्टर को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।

पार्वतीपुर के सुभाष मौर्य ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दायर याचिका में बताया है कि 3 वर्ष पहले पार्वतीपुर में एकलव्य विद्यालय की स्वीकृति दी गई थी। पर स्कूल के लिए पार्वतीपुर में कोई भवन नहीं बनाया गया। जिस भूमि पर एकलव्य स्कूल तैयार करना था उस पर पंचायत और राजस्व विभाग की मिलीभगत से लोगों ने कब्जा कर रखा गया है।

याचिका में बताया गया है कि केंद्र सरकार आदिवासी इलाकों में एकलव्य आवासीय विद्यालय खोलने के लिए 16 करोड़ रुपये का बजट आवंटित करता है। इसके लिए 20 एकड़ भूमि का चयन राज्य सरकार को करना होता है। विद्यालय में प्रत्येक बच्चे पर 42 हजार रुपये सालाना खर्च किया जाता है। इसका पूरा प्रबंधन राज्य सरकार को करना होता है।

दूसरी जगह संचालित हो रहा है विद्यालय

वर्तमान में प्रेमनगर में स्थित एक स्कूल भवन में एकलव्य स्कूल का अस्थाई तौर पर संचालित होना दिखाया जा रहा है। वहां स्टाफ की भर्ती भी कर दी गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पार्वतीपुर के स्कूल के लिए आवंटित 16 करोड़ रुपये हिसाब-किताब नहीं है।

केंद्र सरकार से मांगी गई है अनुमति

इस मामले में सूरजपुर के आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त का कहना है कि जिले के पार्वतीपुर में एकलव्य विद्यालय स्थापित करने की स्वीकृति केंद्र सरकार से मिली थी, मगर वहां चिन्हित भूभाग के अधिग्रहण के दौरान विरोध हो गया और जमीन नहीं मिल सकी। इसलिए प्रेमनगर इलाके में विद्यालय भवन के लिए भूमि चिन्हित की गई और तात्कालिक तौर पर अन्य भवन में एकलव्य विद्यालय अस्थाई तौर पर संचालित किया जा रहा है। वहीं नए स्थान पर विद्यालय स्थापित करने के लिए केंद्र से अनुमति मांगी गई है।

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