रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज पुलिस परेड ग्राउंड में तिरंगा फहराया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने परेड की सलामी भी ली। उन्होंने देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

इस दौरान अपने संबोधन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जटिल न्याय प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा रहा है। राज्य के कर्मचारियों का अपने संबोधन में जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 26 जनवरी को कर्मचारियों के लिए 5 डे वीक लागू किया था, जिसका तुरंत क्रियान्वयन भी हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों और उनके परिवार के समाजिक सुरक्षा का ख्याल रखते हुए राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना प्रदेश में लागू की है।

राज्य में 10 हजार नये शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। इससे पहले 14500 स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरु हुई थी, अब वह पूर्ण होने जा रही है। अगले शिक्षा से सत्र से साढ़े चार हजार से ज्यादा स्कूलों को उत्कृष्ट स्कूल बनाये जायेंगे। दंतेवाडा़ में सभी हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल उत्कृष्ट होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पुरखों ने आजादी के बाद जिस लोकतंत्रात्मक गणराज्य का सपना देखा था, उसे पूरा करना हम सब की जिम्मेदारी है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए राज्य सरकार गांधीवादी सोच के साथ ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़‘ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। राज्य सरकार की प्राथमिकता समाज के सबसे कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने, गांवों को मजबूत करने और हर व्यक्ति तक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की है। बुनियादी स्तर पर गांवों को मजबूत करने के लिए किसानों और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की पहल की गई है। इसके लिए सुराजी गांव योजना, ’राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘, गोधन न्याय योजना, गौ-मूत्र खरीदी, भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना जैसी कई लोक हितैषी योजनाएं शुरू की गई हैं।

आदिवासियों को वन अधिकार पट्टा और वनोपज का वाजिब दाम दिलाकर उन्हें सक्षम बनाया जा रहा है। सरकार ने परंपरागत तीज-त्यौहारों के साथ ही लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के प्रयास भी शुरू किए हैं। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना और माटी पूजन दिवस की शुरूआत की गई है। पोषण और स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी लगातार काम कर प्रदेश ने उपलब्धियां हासिल की हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ को खास बनाने के लिए छत्तीसगढ़ में हमर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत सभी लोग अपने घरों, शासकीय कार्यालयों, संस्थानों में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर इस गौरवशाली अवसर पर अपनी भागीदारी निभाएं।

स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना का होगा विस्तार

भूपेश बघेल ने राज्य में आगामी शिक्षा सत्र के पूर्व राज्य के 422 स्कूलों में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना लागू किए जाने की घोषणा की, जिसमें से 252 स्कूल बस्तर एवं सरगुजा संभाग में होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि दंतेवाड़ा जिले के शत प्रतिशत शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय का स्वरूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हमने सुधार के स्थायी उपाय किए, जिसके तहत पहले चरण में 14 हजार से अधिक शिक्षकों की स्थायी भर्ती का कार्य शुरू किया गया, जो अब अंतिम चरणों में है। इसके अतिरिक्त 10 हजार शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना’ से स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में एक नयी क्रांति आयी है। विगत वर्ष हमने 51 स्कूलों से यह योजना प्रारंभ की थी, जो अब बढ़कर 279 स्कूलों तक पहुंच चुकी है। इनमें से 32 स्कूल हिन्दी माध्यम के हैं तथा 247 स्कूलों में हिन्दी के साथ अंग्रेज़ी माध्यम में भी शिक्षा दी जा रही है। इस वर्ष 2 लाख 52 हजार 600 बच्चों ने इन स्कूलों में प्रवेश लिया है, जिसमें 1 लाख 3 हजार बच्चे अंग्रेज़ी माध्यम तथा 1 लाख 49 हजार 600 बच्चे हिन्दी माध्यम के हैं। इस योजना की सफलता को देखते हुए हमने निर्णय लिया है कि अधिक से अधिक स्कूलों को इस योजना के अंतर्गत लाया जाएगा। आगामी शिक्षा सत्र के पूर्व 422 स्कूलों में यह योजना लागू होगी, जिनमें से 252 स्कूल बस्तर एवं सरगुजा संभाग में होंगे और इनमें दंतेवाड़ा जिले के शत-प्रतिशत शासकीय हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूल होंगे। अपना वादा निभाते हुए हमने नवा रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का बोर्डिंग स्कूल स्थापित करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने के लिए हमने हिन्दी के अलावा 16 स्थानीय भाषाओं में तथा 4 पड़ोसी राज्यों की भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित कराई हैं। ‘निःशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना’ के तहत कक्षा पहली से कक्षा दसवीं तक सभी शासकीय-अशासकीय शालाओं तथा कक्षा आठवीं तक मदरसों के बच्चों को लगभग 52 लाख पाठ्य पुस्तकें प्रदान की जा रही हैं। नवमीं कक्षा में पढ़ने वाली 1 लाख 55 हजार छात्राओं को इस वर्ष निःशुल्क सायकल देने का लक्ष्य रखा गया है।

स्कूली शिक्षा को रोजगारमूलक बनाने के लिए उसका आईटीआई के साथ समन्वय किया गया है, ताकि स्कूली शिक्षा और आईटीआई प्रशिक्षित होने का प्रमाण-पत्र एक साथ प्राप्त हो सके। इस योजना के तहत 114 हायर सेकेण्डरी स्कूलों को जोड़ा जा चुका है। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए 1 हजार 459 सहायक प्राध्यापकों, क्रीड़ा अधिकारियों और ग्रंथपालों की नियुक्ति की गई है। अतिथि व्याख्याताओं का मानदेय बढ़ाया गया है। सभी जिलों में कन्या महाविद्यालय खोलने के क्रम में मुंगेली में नया कन्या महाविद्यालय प्रारंभ कर दिया गया है।

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