देश से हर हाल में निकाले जाएंगे रोहिंग्या : केंद्र सरकार

नई दिल्ली। भारत  में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं को केंद्र सरकार हरहाल में उन्हें उनके देश भेजने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार ने कई बार स्पष्ट किया है कि अवैध प्रवासियों को भारत में शरण नहीं दी जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा है कि म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों को भारतीय नागरिकता नहीं दी जाएगी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री पर हमले तेज करते हुए अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल अवैध प्रवासियों को ‘रेवड़ी’ बांट रहे हैं और वोट बैंक की राजनीति के लिए देश की सुरक्षा से समझौता करने को तैयार हैं। दिल्ली सरकार राजनीतिक लाभ के लिए रोहिंग्याओं को मुफ्त में पानी, बिजली और राशन दे रही है। अब उन्हें आवास देने की योजना बना रही है।

उधर, मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार उस क्षेत्र को हिरासत केंद्र घोषित करने के लिए तत्काल कदम उठाए, जहां शरणार्थी रह रहे हैं।

बांग्लादेश से वार्ता

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश के साथ इस विषय पर बातचीत हुई है। रोहिंग्या शरणार्थियों को उनके देश भेजने के प्रयास किए जा रहे हैं  बांग्लादेश में आठ लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी हैं।

फ्लैट देने की बात पर शुरू हुआ था विवाद

रोहिंग्या शरणार्थियों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए बाहरी दिल्ली के बक्करवाला में बनाए गए फ्लैट में भेजे जाने के केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के ट्वीट के बाद सियासत शुरू हो गई. दो दिनों से भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच जुबानी जंग जारी है ।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किया स्पष्टीकरण

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा था कि रोहिंग्याओं को फ्लैट देने की कोई योजना नहीं है. दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को नए ठिकाने पर भेजने का प्रस्ताव रखा था. प्रत्यर्पण लंबित रहने तक सभी रोहिंग्या हिरासत केंद्रों में ही रहेंगे।

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