0 20 अगस्त से 20 सितम्बर तक का है नए अध्यक्ष की प्रक्रिया का शेड्यूल, 0 वासनिक, खड़गे, कर्नाटक पीसीसी प्रमुख डीके शिवकुमार भी कतार में

विशेष संवाददाता रायपुर ,
देश में कांग्रेस की बागडोर किसे सौंपी जाये यह सीडब्ल्यूसी अब तक तय नहीं कर पाई है। कांग्रेस के पूर्णकालिक अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेने से फिलहाल राहुल गांधी ने मना कर दिया है। उनके इंकार के बाद एक बार फिर कांग्रेस की तलाश अधूरी ही है। सोनिया गांधी की ओर से इस पर विचार करने की बात कहे जाने के हफ्तेभर बाद राहुल गांधी ने पार्टी की कमान संभालने से इनकार कर दिया था। कांग्रेस के लिए नए अध्यक्ष की तलाश पूरी होती नहीं दिख रही है। नए अध्यक्ष की ताजपोशी होने तक सोनिया गांधी लंबे समय से पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी हुई हैं। साफ शब्दों में कहें तो राहुल बीजेपी के वंशवाद वाले आरोपों से आहत हैं और वे प्रियंका या सोनिया के साथ खुद को इस पद से दूर रखकर सिर्फ मार्गदर्शक का कार्य करना चाहते हैं। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि तीनों नहीं तो फिर किसे चुना जाये?

पार्टी के जानकार मान रहे थे कि राहुल गांधी की जल्द ही फिर से पार्टी के नए अध्यक्ष के रूप में वापसी हो सकती है, लेकिन अब खबर है कि राहुल गांधी फिलहाल कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनने को तैयार नहीं हैं। उनके के साथ ही सबसे आगे चल रहे सीएम अशोक गहलौत ने भी आज इंकार कर दिया है। ऐसे में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक, कर्नाटक पीसीसी प्रमुख डीके शिवकुमार या राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम भी सामने आ रहा है। बताते हैं कि इसी सिलसिले में कांग्रेस की चुनाव समिति के मुखिया मधुसूदन मिस्त्री भी आज बुधवार को दिल्ली पहुंचकर प्रक्रिया को समय पर पूरा करने में जुट गए हैं। लेकिन राहुल की ना से मामला आधार में है। दूसरी ओर, कांग्रेस के मीडिया विभाग की ओर से इस मामले पर सवाल पूछे जाने पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया गया।

जो करें जल्दी करें वाली नौबत

फिलहाल कांग्रेस के गलियारे में अभी 3 सबसे बड़े सवाल चल रहे हैं। पहला, क्या राहुल गांधी अध्यक्ष पद के लिए मान जाएंगे? दूसरा, क्या अशोक गहलोत के नाम पर पार्टी में सहमति बन पाएगी ? या फिर सोनिया गांधी ही अध्यक्ष बनी रहेंगी? ऐसा तो नहीं कि राहुल के कहने पर अस्वस्थ्यता का हवाला देकर सोनिया भी न बोले तब सर्वसम्मति से सीडब्ल्यूसी को जल्द एक नाम के लिए सहमति बनाना होगा।

2024 को ध्यान में रखकर किया जायेगा फैसला

2024 के आम चुनाव में एक मजबूत ताकत के रूप में उभरने के लिए, पार्टी हर संभव मोर्चे पर नए सिरे से शुरुआत करना चाहती है। पार्टी का मानना है कि राज्य इकाइयों को मजबूत किया जाना चाहिए। गुटबाजी से ग्रस्त राज्य इकाइयों को नीचे से ऊपर तक पुनर्निर्माण की जरूरत है, और नए एआईसीसी अध्यक्ष कई राज्यों में खत्म हो चुके कैडरों के पुनर्निर्माण पर ध्यान देंगे। अपने संगठनात्मक चुनाव कार्यक्रम में बदलाव करते हुए, कांग्रेस अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पहले करने जा रही है और पीसीसी अध्यक्षों सहित दूसरे पदाधिकारियों का चुनाव बाद में होगा।

कांग्रेस अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया 21 अगस्त से शुरू होने वाली है। लेकिन राहुल गांधी के बारे में यह साफ नहीं है कि वह दोबारा इस पद को संभालेंगे या नहीं। उन्होंने 2019 में यह पद छोड़ दिया था। हालांकि, इस बार कांग्रेस अन्य नामों पर भी विचार कर रही है। संगठनात्मक चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, राज्य कांग्रेस अध्यक्षों, उपाध्यक्षों, कोषाध्यक्षों, पीसीसी कार्यकारियों और एआईसीसी सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया 20 अगस्त तक समाप्त होनी थी। वहीं अध्यक्ष का चुनाव 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच किया जाना है।

प्रक्रिया को छोड़ राहुल का ये कार्यक्रम तय

राहुल गांधी 7 सितंबर से शुरू होने वाली ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की अगुवाई करेंगे। पार्टी के मुताबिक, वह “कश्मीर से कन्याकुमारी” तक यात्राएं आयोजित करने जा रही है और 3,500 किमी की दूरी तय करेगी। यह यात्रा 15 दिनों तक चलेगी और 12 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरेगी। कांग्रेस ने यह भी घोषणा की कि वह 17 से 23 अगस्त तक सभी विधानसभा क्षेत्रों में मंडियों और खुदरा बाजारों में “महंगाई चौपाल” का आयोजन करेगी। इस अभियान का समापन 28 अगस्त को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में पार्टी की “महंगाई पे हल्ला बोल” रैली में होगा। ऐसे में अध्यक्ष चुनने की चुनौती, उस पर पार्टी का यह कार्यक्रम और फिर राज्यों के संगठन चुनावो का कार्यक्रम चुनातियों को बढ़ाएगा।