रायपुर: कलिंगा विश्वविद्यालय मध्य भारत का एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है। नवाचार एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के द्वारा बी प्लस की मान्यता प्रदान की गयी है। यह छत्तीसगढ़ में एकमात्र निजी विश्वविद्यालय है, जो एनआईआरएफ रैंकिंग 2022 में उत्कृष्ट 101-150 विश्वविद्यालयों में सम्मिलित है। यहाँ पर वैश्विक मापदंड के अनुरूप उच्च गुणवत्तापूर्ण और बहु-विषयक अनुसंधान केंद्रित शिक्षा के साथ-साथ शिक्षकों और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है।

कलिंगा विश्वविद्यालय ने हमेशा अकादमिक क्षेत्र में विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में योग्यता की प्रोत्साहन दिया है और इस क्षेत्र में एक और सराहनीय पहल में कलिंगा विश्वविद्यालय ने 20 अगस्त 2022 को एक सम्मान सामारोह आयोजित किया। सीबीएसई बोर्ड एवं आईसीएसइ बोर्ड के 12 वीं कक्षा के मेरिट धारक छात्रों को उनके माता-पिता के साथ इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत में सभी अतिथि, विश्वविद्यालय के गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। अतिथियों के परिचय और अभिनंदन के बाद सभा ने सरस्वती वंदना द्वारा देवी सरस्वती की पूजा अर्चना की।

इस आयोजन में मेरिट होल्डर्स के सम्मान के अलावा कई अन्य आकर्षण थे। कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर श्रीधर ने एक प्रेरक भाषण दिया, और छात्रों को अपने भविष्य में कड़ी मेहनत करने और विभिन्न मील के पत्थर हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. अवधेश पटेल (काउंसलर और माइंड ट्रेनर) द्वारा स्मृति प्रशिक्षण सत्र, जिसे छात्रों से बेहद सकारात्मक समीक्षा मिली। इस सत्र के बाद, डॉ अजीत वरवंडकर (कैरियर मनोवैज्ञानिक और अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षक) द्वारा करियर परामर्श पर एक और ज्ञानवर्धक सत्र लिया गया, जो छात्रों और उनके माता-पिता द्वारा बेहद सराहा गया।

फिर सम्मान समारोह हुआ जहां निम्नलिखित श्रेणियों में नकद पुरस्कार प्रदान किए गए –

प्रथम रैंक धारक संभवी शर्मा, केपीएस रायपुर, 99 प्रतिशत को 15000 रु.
द्वितीय रैंक धारक पाखी दुबे, डीपीएस रायपुर, 98.6 प्रतिशत 12000 रु.
तीसरी रैंक धारक किंजल सोलंकी, द्रोणाचार्य पब्लिक स्कूल, 98.4 प्रतिशत को 10000 रुपये का पुरस्कार दिया गया।
चौथी से 10वां रैंक धारक प्रत्येक छात्र-छात्रों को 5000-5000 रुपये का पुरस्कार दिया गया।

कुल 1,10,000 के नकद पुरस्कार एवं सभी मेधावी छात्रों को छात्रवृत्तियां प्रदान की गयी।