कलेक्टर

महासमुंद। जिले के किसान कांतिलाल साहू ने जिस राइस मिलर की धोखाधड़ी के चलते आत्महत्या कर ली थी, उसी मिलर से धान खरीदी के बकाया रकम की तत्काल वसूली की गई और मृतक के परिजनों के सुपुर्द किया गया। जिला प्रशासन द्वारा तत्काल की गई इस पहल का किसान संघ ने आभार जताया है।

धान खरीदा मगर नहीं दी रकम

बीते तीन-चार सालों से बजरंग इंडस्ट्रीज महासमुंद के संचालक बजरंग अग्रवाल द्वारा मृतक कांतिलाल साहू को उनके बेचे गए धान का भुगतान नहीं किया गया था, जिससे परेशान होकर कांतिलाल ने पिछले महीने आत्महत्या कर ली। इस तरह एक किसान के साथ नहीं बल्कि अनेक राइस मिलर्स ने दर्जनों किसानों के साथ धोखाधड़ी की और उनका करोड़ों रुपयों का भुगतान नहीं किया है। इस बीच एक किसान ने आत्महत्या कर ली, जिससे माहौल गरमा गया।

कांतिलाल की मौत से गुस्साए किसानों ने संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों की अगुवाई में 13 सितम्बर को कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और कृषि उपज मंडी कार्यालय महासमुंद का घेराव किया। अगले दिन कलेक्टर नीलेश क्षीर सागर से किसानों की वार्ता हुई। कलेक्टर द्वारा 15 दिन के भीतर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया, वहीं मृतक किसान कांतिलाल साहू के परिजनों को सप्ताह भर के भीतर बकाये का भुगतान कर देने की बात कही गयी।

कल हुई वार्ता और आज वसूली

किसानों से 14 सितम्बर को ही कलेक्टर नीलेश क्षीर सागर की वार्ता हुई और उनके निर्देश पर प्रशासनिक अमला सक्रिय हो गया। सरकारी अमले ने बजरंग इंडस्ट्रीज के संचालक से तत्काल बकाया रकम 3 लाख, 67 हजार 826 रूपये की वसूली की, और आज मृतक किसान कांतिलाल साहू की धर्म पत्नी श्रीमती भाला बाई साहू को उनके पुत्र राकेश साहू की उपस्थिति में उक्त रकम का चेक प्रदान किया गया। मौके पर प्रशासनिक अधिकारी उमेश साहू, एस डी एम बागबाहरा, रमेश महतो तहसीलदार बागबाहरा, फर्म की ओर से सन्नी जैन, ग्राम पंचायत कन्हारपुरी के सरपंच, ग्राम कोटवार उत्तम कुमार, सरपंच पति सोमनाथ तोंडेकर मौजूद थे।

रकम पहले मिल गई होती तो…

इस दौरान कांतिलाल के परिजन गमगीन हो गए। उनका कहना था कि अगर राइस मिलर ने पहले ही इस रकम का भुगतान कर दिया होता तो आज उन्हें अपने परिवार के मुखिया को खोना नहीं पड़ता।

सौ से अधिक किसानों की रकम है बकाया

किसान भुगतान संघर्ष समिति के संयोजक व जिला पंचायत सदस्य महासमुंद तथा छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही ने कलेक्टर महासमुंद का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अभी भी करीब सवा सौ किसान ऐसे हैं जिनके अलग-अलग धान के खरीददार राइस मिलरों से करीब तीन करोड़ रुपये का भुगतान बाकी है, इनके लिए संघर्ष जारी है। जिला प्रशासन किसानों के साथ खड़ा है, इसलिए सभी किसानों ने धीरज रखा हुआ है, और उन्हें उम्मीद है कि सभी पीड़ित किसानों के साथ न्याय होगा। किसान नेता तेजराम विद्रोही ने पीड़ित किसानों से भी अपील की है कि वे कोई भी जानलेवा कदम न उठायें।

मंडी प्रशासन की संवेदनहीनता आयी सामने

बता दें कि राइस मिलर की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या करने वाले किसान कांतिलाल साहू को इलाके के किसानों ने “शहीद” की संज्ञा दी है। मंगलवार को महासमुंद के मंडी कार्यालय के घेराव के दौरान किसानों ने मंडी सचिव के कक्ष में मृतक किसान कांतिलाल साहू की तस्वीर फूलमाला के साथ मंडी सचिव कक्ष की दीवार पर लगाई थी, लेकिन सचिव द्वारा इस तस्वीर को हटा दिया गया। जैसे ही इसकी जानकारी किसान नेता जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर को हुई है, वह तत्काल मंडी पहुंचे और मंडी सचिव के रवैये से नाराज होते हुए कहा कि अभी भी सवा सौ किसानों को भुगतान बाकी है, जब तक सब को भुगतान नहीं होगा तब तक यह तस्वीर यहां लगी रहेगी, और उसके बाद ही हम ससम्मान तस्वीर को ले जाएंगे। उनके विरोध के बाद वापस उसी स्थान पर तस्वीर लगाई गई।

गौरतलब है कि राइस मिलरों द्वारा किसानों से ख़रीदे गए धान के एवज में भुगतान नहीं करने के पीछे कृषि उपज मंडी के अधिकारियों पर भी सहयोग करने का आरोप किसान लगा रहे हैं। राइस मिलर्स ने भुगतान की फर्जी पर्चियां जमा कर दीं और मंडी प्रबंधन ने उसे सही मान लिया। यही वजह है कि किसान आज भी अपनी रकम के लिए चक्कर काट रहे हैं। किसानों को उम्मीद है की पुलिस और प्रशासन उन्हें रकम दिलाएगा और धोखेबाज राइस मिलरों के खिलाफ अवश्य कार्रवाई करेगा।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर