DMF

कोरबा। कोरबा जिला DMF की राशि में गड़बड़ियों को लेकर फिर से चर्चा में आ गया है। जिले के रामपुर क्षेत्र के विधायक और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने DMF में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर परियोजना अधिकारी, जिला खनिज न्यास, भरोसा राम ठाकुर को निलंबित कर उनको पद से हटाने एवं उनके कार्यकाल की जांच की मांग की है।

परिषद में स्वीकृत कार्यों को कर देते हैं दरकिनार

भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता रामपुर विधायक ननकी राम कंवर ने कलेक्टर संजीव झा को इस संबंध में पत्र लिखते हुए आरोप लगाया है कि DMF के परियोजना अधिकारी भरोसा राम ठाकुर के द्वारा जिला खनिज न्यास में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। कंवर के मुताबिक शासी परिषद की बैठक में जो कार्य अनुमोदित होते हैं उसको इनके द्वारा स्वीकृति नहीं दी जाती और प्राक्कलन आने के बाद भी निजी स्वार्थ के चलते फाइल को दबाकर रख दिया जाता है। इनके द्वारा कार्य को स्वीकृति नहीं दिलाई जाती और ना ही किस्त की राशि भेजी जाती है।

ननकी राम कंवर ने लिखा है कि परियोजना अधिकारी भरोसा राम ठाकुर के द्वारा जनपद पंचायतों से प्राक्कलन मंगाने के लिए व्हाट्सएप के माध्यम से चुनिंदा कार्यों का नाम भेज कर प्राक्कलन मंगाया जाता है, जबकि नियमतः विभागीय तौर पर पत्र भेजा जाना चाहिए। ठाकुर का ये तरीका पूर्ण रूप से गलत है। वहीं जो कार्य शासी परिषद में अनुमोदित भी नहीं हुए हैं, उन कार्यों को व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण इनके द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाती है।

जन-प्रतिनिधियों के स्वीकृत कार्यों में भी कमीशनखोरी..!

ननकी राम कंवर ने सबसे बड़ा आरोप यह लगाया है कि परियोजना अधिकारी द्वारा विधायक-सांसदों के द्वारा दिए गए प्रस्ताव को नजरअंदाज किया जाता है एवं उन कार्यों को स्वीकृत करने में भी कमीशनखोरी की जाती है। एक आरोप यह भी है कि शासी परिषद में जो कार्य अनुमोदित होते हैं, उसकी कॉपी विधायकों को उपलब्ध नहीं कराई जाती और अंदर ही अंदर कमीशन खोरी की आड़ में मनचाहे कार्यों को प्राथमिकता देकर स्वीकृति दिया जाता है, इन कार्यों की भी कॉपी विधायक को उपलब्ध नहीं कराया जाना, स्पष्ट दिखाई पड़ता है कि कमीशन खोरी चरम पर है।

निशाना पूर्व कलेक्टर पर…

भाजपा विधायक ननकीराम कंवर ने सीधे तौर पर कहा है कि भरोसा राम ठाकुर जैसे अधिकारी पर तत्काल निलंबन की कार्यवाही कर इनके कार्यकाल की जांच की जाए और ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को तत्काल पद से हटाया जाए। बता दें कि कोरबा जिले की पूर्व कलेक्टर ने तत्कालीन परियोजना अधिकारी को हटाकर डिप्टी कलेक्टर भरोसा राम को प्रभार सौंपा था। उनके कार्यकाल में तो DMF में भ्रष्टाचार चरम पर था। ननकी राम कंवर अगर भरोसा राम ठाकुर के कार्यकाल की जांच की मांग कर रहे हैं तो स्वाभाविक है कि जांच पूर्व कलेक्टर द्वारा स्वीकृत कार्यों की ही होगी।

इन्हीं के कार्यालय के सामने ठेकेदार ने दे दिया था धरना

भरोसा राम ठाकुर वही अधिकारी हैं जिनके कार्यालय के सामने एक ठेकेदार ने लंबित भुगतान को लेकर धरना दे दिया था। ये वाकया अगस्त 2021 का है और तब नटवर शर्मा नामक ठेकेदार का DMF के मद से किये गए निर्माण कार्य का 10 लाख का भुगतान 3 वर्षों से लंबित था। ठाकुर द्वारा बार-बार दौड़ाये जाने से नाराज ठेकेदार उनके कार्यालय के दरवाजे पर बैठ गया। काफी मान-मनौव्वल के बाद उसे यहां से हटाया जा सका। सूत्र बताते हैं कि सारा खेल कमीशनखोरी को लेकर ही था।

RTI की नहीं देते हैं जानकारी

कोरबा जिले में DMF शाखा के परियोजना अधिकारी भरोसा राम ठाकुर RTI के तहत मांगी गई जानकारी देने से भी बचते हैं। इनके द्वारा आवेदकों को गोलमोल जवाब देकर जानकारी देने से बचने का प्रयास किया जाता है। आलम यह है कि DMF के जन सूचना अधिकारी आवेदक को लिखे पत्र में अपने नाम का उल्लेख नहीं करते, जबकि RTI अधिनियम के मुताबिक ऐसा करना अनिवार्य होता है। ऐसे ही एक मामले में आवेदक द्वारा जन सूचना अधिकारी की शिकायत जिलाधीश संजीव झा से करते हुए संबंधित अधिकारी को RTI का प्रशिक्षण दिलाने का सुझाव भी दे डाला है।

प्रधानमंत्री से भी की गई शिकायत

ननकीराम कंवर ने कोरबा जिले में DMF में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर कलेक्टर कोरबा संजीव झा को अवगत कराने के साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर शिकायत की है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि DMF में भ्रष्टाचार की केंद्रीय समिति जांच कराई जाये।
बहरहाल ननकी राम कंवर ने उम्मीद जताई है कि केंद्रीय जांच समिति बहुत जल्द आकर कोरबा जिले के DMF मद की बारीकी से जांच कर दोषी अफसरों के विरुद्ध कार्यवाही की अनुशंसा करेगी। देखना है कि इस मामले में कोरबा कलेक्टर क्या रुख अपनाते हैं।

विधायक ननकी राम कंवर द्वारा लिखा गया पत्र :

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