श्रीनगर। हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार दिवाली से पहले आतंकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सुरक्षा बलों की ओर से बड़ी कार्रवाई कर उनके नापाक मंसूबों को नाकाम किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज सुरक्षा बालों को बड़ी कामयाबी मिली है।   सुरक्षा बलों को बांदीपोरा रोड के पास अहस्टिंगो इलाके में एक आईईडी  मिला ।  बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए आतंकियों ने इस आईईडी विस्फोटक को प्लांट किया था, ताकि जब भारतीय जवान इस रास्ते से गुजरे तो विस्फोट किया जा सके. हालांकि, सुरक्षाबलों की मुस्तैदी ने आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया और आईईडी का पता चल गया ।


जैसे ही सुरक्षाबलों को आईईडी विस्फोटक की जानकारी मिली, तुरंत उस आईईडी को डिफ्यूज करने और उसे पूरी तरह से नष्ट करने के लिए बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया. इसके बाद बम निरोधक दस्ते ने जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में बडियारा और कानबठी गांवों के बीच बांदीपोरा-सोपोर सड़क के पास मिले आईईडी को निष्किय किया ।


दरअसल, यह पहली बार नहीं है जब आतंकियों ने आईईडी प्लांट किया है, बल्कि इससे पहले भी कई बार सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए ये दहशतगर्द ऐसा कर चुके हैं ।  बीते दिनों ही गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में सुरक्षा बलों ने जंगल में एक बैग में दबाकर रखे गये तीन आईईडी विस्फोटक बरामद किए थे. इस तरह सुरक्षाबलों ने आंतकियों के संभावित विस्फोट के मंसूबों को नाकाम कर दिया था ।


अधिकारियों के अनुसार, बैग में विस्फोटकों के अलावा तीन पुलों की तस्वीरें भी मिली थीं, जिससे ऐसा लगता है कि ये पुल बैग छोड़कर गये आतंकवादियों के निशाने पर थे ।  उन्होंने बताया कि सेना और पुलिस के संयुक्त तलाशी दल ने बुधवार देर रात यह बैग गूल उपमंडल के संगलदान के बशरा-धरम जंगलों से बरामद किया. विस्फोटकों के छह पैकेट, 49 कारतूस, एक-एक सुरक्षा फ्यूज, बैटरी और डेटोनेटर तथा 20 मीटर लंबी बिजली की तार बरामद की गई थी ।


कठुआ में भी तीन-तीन आईईडी, स्टिकी बम जब्त
इससे पहले 8 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर के कठुआ में तीन आईईडी और स्टिकी बम बरामद किए गए थे ।  जम्मू क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक  मुकेश सिंह ने बताया था कि जैश-ए-मोहम्मद  के एक आतंकवादी को दो अक्टूबर को कठुआ से गिरफ्तार किया गया था, उसी के खुलासे के बाद यह बरामदगी की गई थी. पुलिस के अनुसार, बिलावर गांव का आतंकवादी जाकिर हुसैन भट उर्फ उमर फारूक विभिन्न सोशल मीडिया ऐप के जरिए पाकिस्तान से सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद के साथ संपर्क में था और उसे जम्मू क्षेत्र में हमला करने के लिए आईईडी और स्टिकी (चिपकाने वाले) बमों की एक खेप मिली थी ।