KORBA

कोरबा। जिले में सहायक शिक्षकों को पदोन्नत कर प्रधान पाठक बनाये जाने के मामले में मिली शिकायत के चंद मिनटों के बाद ही कलेक्टर संजीव झा ने जिले में 1145 सहायक शिक्षकों के प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति आदेश को निरस्त कर दिया। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने जिला कलेक्टर से इस पदोन्नति में हुई अनियमितता को लेकर शिकायत की थी।

छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर अवगक्त कराया कि शासन के निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा प्रधान पाठक प्राथमिक शाला (सहायक शिक्षक एल.बी.) ई/टी संवर्ग का पदोन्नति आदेश व्यक्तिगत रूप से जारी किया गया है। संगठन को विभिन्न कर्मचारियों से शिकायत मिली है कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा शासन के पदोन्नति नियम को ताक पर रखकर मनमाने ढंग से व्यक्तिगत आदेश निकाले जा रहे हैं। ये आदेश एक साथ ना निकालकर अलग-अलग दिनांक को संबंधितों को आदेश दे रहे हैं।

कॉउन्सिलिंग के जरिये पदोन्नति की मांग

गौरतलब है कि शासकीय विभाग में पदोन्नति के साथ ही कर्मचारियों का तबादला भी किया जाता है। इसी तबादले को लेकर DEO ऑफिस कोरबा में जमकर मनमानी चली।
छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ जिला कलेक्टर मांग करते हुए कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेश निरस्त करते हुए काउंसलिंग की कार्यवाही की जाए, अन्यथा संगठन जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के विरुद्ध आंदोलन करने हेतु बाध्य होगा

पदोन्नति में ये खामियां गिनाई संगठन ने

कर्मचारी संघ ने जिलाधीश को दी गई शिकायत में पदोन्नति के दौरान हुई अनेक खामियां गिनाई और बताया कि संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ के निर्देशों का पालन नहीं किया गया है। मूल शाला में पद रिक्त व वरिष्ठ शिक्षक के रहते बाहर से शिक्षक की पदोन्नति की गई है व मूल संस्था के शिक्षक को अन्यत्र पदांकन किया गया है। महिला एवं निःशक्त कर्मचारियों को दूर-दराज में स्थानांतरण किया गया है। विकासखंड में पद रिक्त रहते हुए दूसरे विकासखंड में पदोन्नति दी गई। महिला एवं निशक्त कर्मचारियों को मूल संस्था व संकुल क्षेत्र से दूरस्थ संकुल में पदांकित किया गया है। संकुल केंद्र में पद रिक्त रहते हुए दूसरे संकुल में पदोन्नति दी जा रही है।

चंद मिनटों में आदेश हुआ निरस्त

कर्मचारी संगठन की शिकायतों को कलेक्टर ने ध्यान से सुना। इस दौरान यहां दिव्यांग महिला शिक्षकों ने भी उन्हें अपनी व्यथा सुनाई। कलेक्टर से शिकायत के बाद संगठन के नेता DEO से मिलने पहुंचे, यहां चर्चा के दौरान ही DEO डीआर भरद्वाज ने सभी को बताया कि कलेक्टर सर का फोन आ चुका है और उन्होंने सूची निरस्त करने का आदेश दे दिया है। कुछ देर बाद ही कलेक्टर संजीव झा ने पदोन्नति आदेश में विसंगतियों का उल्लेख करते हुए उसे निरस्त करने का आदेश भी जारी कर दिया।

कलेक्टर के इस आदेश से ऐसे शिक्षकों ने राहत महसूस किया है, जिनका मनमाने ढंग से तबादला कर दिया गया था, मगर उन टीचरों की सांसें फूलने लगी है जिन्होंने मनचाहे स्कूलों में तबादले के लिए बिचौलियों को मोटी रकम दे रखी थी। बता दें कि कलेक्टर को शिकायत करने की मूल वजह भी यही थी, कर्मचारी संगठन के नेता दबी जबान यह बता रहे हैं कि कोरबा जिले में शिक्षकों पदोन्नति और अच्छे स्थान पर तबादले के लिए जमकर पैसे का खेल चला। यही वजह है कि पदोन्नति-पदस्थापना की सूची एक साथ जारी करने की बजाय सभी को व्यक्तिगत रूप से केवल उनका सिंगल नाम डाल कर भेजा गया। इससे शिक्षकों के बीच हड़कंप मच गया और सभी शिकायत करने कलेक्टर के पास पहुंच गए। चूंकि कलेक्टर को भी अहसास हुआ कि सूची में काफी विसंगतियां हैं, इसलिए उन्होंने उसे तत्काल निरस्त करने का आदेश दे दिया।

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