
विशेष संवादाता, रायपुर
तेलीबांधा से वीआईपी रोड के राष्ट्रीय राजमार्ग पर बीच डिवाइडर हुए विवादित सौन्दर्यीकरण ठेका कार्य को लेकर BJP पार्षद दल और निगम आयुक्त IAS मयंक चतुर्वेदी के बीच घोटाले को लेकर गरमा गरम बहस हो गई। निगम कमिश्नर के केबिन में ही निगम पार्षद दल की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने इस मामले में निगम आयुक्त पर संदेह जताते हुए आरोप लगाया कि आपकी जानकारी के बिना कैसे कोई ठेका कार्य होना संभव है? आपकी जानकारी में कैसे 80 फीसदी डिवाइडर घोटाला होने के बाद सामने आया?
निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि बिना आयुक्त की जानकारी के निगम कोई काम नहीं कर सकता। इशारों-इशारों में मीनल चौबे ने आयुक्त से कह दिया कि या तो आपको कुछ पता ही नहीं है या तो अपने चहेतों को काम देने की वजह से ये सब किया जा रहा है। यह आरोप सुनने के बाद निगम आयुक्त झुंझला गए। उन्होंने कहा- आप मेरे ही सामने बैठकर मुझ पर ऐसे आरोप मत लगाइए।

आपको लगता है मैं गलत हूं तो जाकर शिकायत करिए। मैं खुला चैलेंज कर रहा हूं मेरी शिकायत करिए मेरे अकाउंट्स की डीटेल निकालकर देख लिजिए। जहां शिकायत करनी है करिए। मैं अभी फौरन किसी बात का जवाब नहीं दे सकता, मैं जन प्रतिनिधि नहीं हूं। मैं प्रक्रिया से काम कर सकता हूं। जो प्रक्रिया होगी वैसे ही काम होगा।

तेलीबांधा में बन रहे डिवाइडर के काम को बिना किसी टेंडर के शुरू कराने और आर्थिक अनियमितता के आरोप भाजपा पार्षदों ने लगाए। मीनल चौबे ने ये भी दावा किया है कि इस मामले में गड़बड़ी तो हुई है। निगम के पास एनएआई की कोई एनओसी भी नहीं है। मगर आधे से अधिक काम पूरा हो चुका है। अब इस पूरे मामले की शिकायत जांच एजेंसियों से भी की जाएगी। दूसरी तरफ इस काम को रोककर निगम प्रशासन जांच का दावा कर रहा है।