देहरादून। उत्तराखंड सरकार द्वारा वन विभाग के सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए मंदिर मस्जिद, और गुरूद्वारे पर से अवैध कब्जा हटाने की बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है ।


हिंदूवादी संगठन लगातार इस बात को लेकर मुखर रहे हैं कि उत्तराखंड में वन विभाग की लापरवाही के चलते फॉरेस्ट एरिया में इंक्रोचमेंट कर बड़ी तेजी से मजारें बनाई जा रही हैं । इस पर सरकार के सख्त रुख के बाद वन विभाग ने पूरे प्रदेश में फॉरेस्ट लैंड पर बनाए गए धार्मिक स्थलों को चिन्हित करने के निर्देश दिए थे । इनमें अभी तक तीन सौ के आसपास मंदिर, मजार, चर्च और गुरुद्वारे फॉरेस्ट लैंड पर पाए गए हैं।


हालांकि, इनमें अभी पार्क और सेंचुरी एरिया का डेटा शामिल नहीं है । प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने फॉरेस्ट विभाग को दोबारा से पत्र भेजकर हफ्ते भर में डिटेल्ड रिपोर्ट तलब की है। फॉरेस्ट हेडक्वार्टर से सभी पार्क, सेंचुरी प्रशासन के साथ ही फॉरेस्ट डिविजन को भी ये आदेश भेज दिए गए हैं । फॉरेस्ट चीफ विनोद सिंघल का कहना है कि अफसरों से धार्मिक स्थलों के निर्माण से जुड़े सभी प्रमाण देने को कहा गया है ।


बता दें कि उत्तराखंड में कई मंदिर ऐसे भी हैं, जो फॉरेस्ट एक्ट लागू होने से भी पहले से पीढ़ियों से चले आ रहे हैं । लेकिन, हाल के वर्षों में फॉरेस्ट एरिया में मंदिरों के साथ मजारों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है । सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ऐसे सभी धार्मिक स्थलों हटाए जा सकते हैं ।