मंडी बोर्ड का कारनामाः क्रय नियमों की अनदेखी कर खरीदी सवा चार करोड़ की ऑटोमेटिक ग्रेडिंग मशीन, बगैर उपयोग हुई कबाड़

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राज्य कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड का एक नया कारनामा सामने आया है। बोर्ड द्वारा कृषि मंडियों के लिए खरीदी गई सवा चार करोड़ रुपए की ऑटोमेटिक ग्रेडिंग मशीन बगैर उपयोग ही कबाड़ हो गई है। इतना ही नहीं इन मशीनों की खरीदी भी क्रय नियमों के विपरित हुई है। इस बात का खुलासा ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है।

क्या है मामला

मंडी बोर्ड ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं राज्य सरकार की प्रेरणा से मंडियों के लिए ऑटोमेटिक ग्रेडिंग मशीन वर्ष 2005-06 से 2008-09 में 4 करोड़ 27 लाख 35 हजार 302 रुपए की लगात से खरीदी। साथ ही 6 नग सब्जी फल पैकिंग मशीन, 20 नग अनाज क्लीयरिंग मशीन की खरीदी भी बीज निगम लिमिटेड के माध्यम से हुई।

अंबाला कैंट हरियाणा से खरीदी गई मशीनें

ये ग्रेडिंग मशीनें ओसाव एग्रो अंबाला कैंट हरियाणा से खरीद कर मंडी बोर्ड को सौंपी गई। मंडी बोर्ड ने इस खरीदी में भंडार क्रय नियम का पालन नहीं किया। इन मशीनों को खरीदने के पीछे उद्देश्य यह था कि मंडी प्रांगण में उचित क्रेडिट उपज बेचकर अतिरिक्त लाभ किसानों को मिले। साथ ही किसान को अपनी उपज राष्ट्रीय बाजार में अनाज की गुणवत्ता एवं कीमत का ज्ञान हो।

नहीं लगी मशीनें और हो गया भुगतान

ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार अनाज एवं फल सब्जी ग्रेडिंग एवं क्लीनिंग मशीन खरीदे जाने के बाद इन्हें कभी स्थापित ही नहीं किया गया। बता दें कि इन मशीनों को मंडी राजनांदगांव, दुर्ग, पखांजूर, नारायणपुर, तुलसी, रायपुर, तिफरा बिलासपुर के लिए खरीदा गया था। सभी जगहों के लिए खरीदी गई मशीनों की कीमत प्रत्येक जगह 30 लाख 38 हजार से अधिक तथा कवर्धा और आरंग के लिए ग्रेडिंग तथा क्लीनिंग मशीनें 10 लाख 62 हजार रुपए खर्च किए गए। मशीनों की अनदेखी से करीब 1 करोड़ 73 लाख 18 हजार रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए।

सवा चार करोड़ का भुगतान नियम विरुद्ध

जांच रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि इस सौदे में भुगतान की शर्तों का पालन किए बगैर ही मंडी बोर्ड ने बीज निगम को 4 करोड़ 27 लाख 35 हजार ₹203 का भुगतान किया गया है। मंडी बोर्ड ने बीज निगम को यह राशि अलग-अलग किस्तों में प्रदान की। जबकि अनुबंध की शर्तों में स्पष्ट था कि मशीनें प्राप्त होने के बाद 80% राशि का भुगतान किया जाना था। शेष भुगतान मशीन इंस्टॉलेशन, ट्रायल रन एवं क्षमता परीक्षण के बाद किया जाना था। यही नहीं शर्तों का पालन किए बगैर 8 नग ग्रेडिंग मशीन का भुगतान बगैर संचालन संधारण के ही कर दिया गया।

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