रायपुर : छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की अध्ययनशाला के साथ विश्वविद्यालय के कला भवन में दो दिवसीय ‘मुक्तिबोध प्रसंग’ का आयोजन कर रही है। मुक्तिबोध प्रसंग में 29 व 30 नवंबर को इस आयोजन में देश के जाने-माने साहित्यकार शामिल होंगे। अलग-अलग सत्रों में विभिन्न विषयों पर केंद्रित इस आयोजन में नाटक, कविता पाठ और कविता का मंचन के अलावा विमर्श होगा। अलग-अलग सत्रों व विभिन्न विषयों पर केन्द्रित इस आयोजन के उद्घाटन सत्र को प्रसिद्ध कवि लाल्टू व वरिष्ठ आलोचक जयप्रकाश संबोधित करेंगे।

हिंदी साहित्य जगत के प्रसिद्ध साहित्यकार गजानन माधव मुक्तिबोध और उनके छोटे भाई व मराठी के प्रसिद्ध साहित्यकार शरतचंद्र माधव मुक्तिबोध कमे आपसी परिवारिक, साहित्यिक और वैचारिक संबंधों पर आधारित सत्र विशेष आकर्षण का केंद्र होगा। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति केसरी लाल वर्मा करेंगे।

कविताओं पर विमर्श सत्र ‘आवेग-त्वरित-काल-यात्री’ और उनके रचनात्मक व आलोचनात्मक अवदान पर केंद्रित सत्र ‘अंधेरे में रोशनी मुक्तिबोध’ आयोजित किया जाएगा। गजानन माधव और शरतचंद्र माधव शिक्षक से आयोजित सत्र में वरिष्ठ साहित्यकार श्रीपाद भालचंद्र जोशी, साहित्यकार व पर्यावरण विद प्रदीप मुक्तिबोध, कवि व आलोचक प्रफुल्ल शिलेदार अपनी बात रखेंगे।

सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर मुक्तिबोध करेंगे। कार्यक्रम में मुक्तिबोध की कविताओं पर विमर्श सत्र और उनके रचनात्मक व आलोचनात्मक अवदान पर केंद्रित सत्र अंधेरे में रोशनी मुक्तिबोध आयोजित किया जाएगा। इन सत्रों में शामिल वक्ताओं में कवि-कहानीकार बसंत त्रिपाठी,आलोचक मृत्युंजय,अमिताभ राय, कवि मिथलेश शरण चौबे, दूरदर्शन शास्त्री पंकज श्रीवास्तव, युवा आलोचक कामिनी, भुवाल सिंह ठाकुर शामिल है। इन सत्रों की अध्यक्षता साहित्य व भाषा अध्ययन शाला की प्राध्यापक शैल शर्मा ,मधुलता करेंगी।

मुक्तिबोध प्रसंग के अंतर्गत 29 नवंबर की शाम साढ़े छह बजे संस्कृति भवन के सभागार में नागपुर के मेराकी परफार्मिंग आर्ट द्वारा तैयार और सराहे गए नाटक ब्रम्हराक्षस का मंचन भी होगा। इसका निर्देशन ख्यात रंगकर्मी मंगला सानप ने किया है।

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