नफरती बयानबाजियों पर सुको की तल्ख़ टिप्पणी, देश में घृणा का माहौल
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने वैवाहिक विवाद और जमानत के मामलों से जुड़ी स्थानांतरण याचिकाओं पर सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी वाली पूरी तरह महिला जजों की एक पीठ गठित कर दी। दो जजों वाली यह पीठ अभी अदालत संख्या 11 में बैठ रही है।

गुरुवार को पीठ के समक्ष 32 मामले सूचीबद्ध किए गए। जिनमें से वैवाहिक विवाद और जमानत वाली 10-10 स्थानांतरण याचिकाएं हैं। गौरतलब है कि स्थानांतरण याचिका ऐसी याचिका होती है जिनमें किसी मामले को राज्य एजंसियों से केंद्रीय एजंसी या किसी हाई कोर्ट ने दूसरे हाई कोर्ट या हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित किए जाने का अनुरोध किया जाता है।

पूरी तरह से महिला पीठ का गठन पहली बार 2013 में किया गया था। जब न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा और न्यायमूर्ति रंजना प्रसाद देसाई की पीठ का गठन किया गया था। हालांकि यह पीठासीन न्यायाधीश न्यायमूर्ति आफताब आलम की अनुपस्थिति के कारण एक आकस्मिक व्यवस्था थी। इसके बाद 2018 में न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ का गठन किया गया। सुप्रीम कोर्ट में इस समय 27 जज हैं। जिनमें केवल तीन ही महिला जज हैं।