रेलवे में यात्रा

वेब डेस्क। रेलवे में यात्रा के दौरान चिकित्सा सहायता का ना मिलना सबसे बड़ी समस्या है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर मानक के अनुरूप मेडिकल बाक्स की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

रेलवे बोर्ड ने इसे गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को इस मामले में लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए हैं। सभी क्षेत्रीय रेलवे से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है। अधिकांश रेलवे स्टेशन या ट्रेन में सिर्फ फ‌र्स्ट एड बाक्स रखा जाता है। इससे बुखार, हल्की चोट या कोई अन्य सामान्य स्वास्थ्य समस्या होने पर यात्रियों को राहत मिल जाती है, लेकिन यदि यात्रा के दौरान कोई गंभीर रूप से बीमार हो जाए तो उसे समय पर जरूरी उपचार नहीं मिल पाता।

इस समस्या के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एम्स की विशेषज्ञ समिति ने दिसंबर, 2017 में रेलवे स्वास्थ्य महानिदेशक को अपनी रिपोर्ट दी थी, जिसमें रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए कई कदम उठाने की बात कही गई थी।

एम्स की विशेषज्ञ समिति की सिफारिश

  • रेलवे स्टेशन व परिचालन से संबंधित कर्मचारियों को नियुक्ति के दौरान प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण अनिवार्य करने, प्रत्येक तीन वर्षों के अंतराल पर भी उन्हें नियमित रूप से प्रशिक्षण देने की सलाह।
  • प्रत्येक ट्रेन और रेलवे स्टेशन पर मेडिकल बॉक्स की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए।
  • जीवन रक्षक दवा, चिकित्सा उपकरण, इंजेक्शन सहित उपचार से संबंधित 88 सामग्री होंगी।
  • स्टेशन पर फोल्डिंग स्ट्रेचर की उपलब्ध होनी चाहिए।
  • किसी यात्री के बीमार होने पर ट्रेन में या नजदीकी रेलवे स्टेशन पर डाक्टर की सेवा उपलब्ध होनी चाहिए।

ट्रेनों व स्टेशनों पर उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं की प्रत्येक तीन वर्षों में समीक्षा होनी चाहिए मेडिकल बाक्स में उपलब्ध चिकित्सा सामग्री, जीवन रक्षक दवा, चिकित्सा उपकरण, प्रसूति से संबंधित किट, आक्सीजन सिलेंडर, सीरिंज, सभी आकार के बैंडेज, आक्सीजन डिफिब्रलेटर्स (करंट के माध्यम से हृदय गति को नियंत्रित करने का उपकरण) भी उपलब्ध होंगे। स्टेशन पर आपातकालीन चिकित्सा कक्षरेलवे बोर्ड ने महत्वपूर्ण स्टेशनों पर निजी भागीदारी से आपातकालीन चिकित्सा कक्ष बनाने की संभावना तलाने को भी कहा है। साथ ही यह भी कहा कि यदि यह संभव नहीं हो तो एम्स की समिति द्वारा दी गई है सिफारिश के अनुसार मेडिकल बाक्स की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए।

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