उदयपुर। गुजरात में 27 साल से सत्ता में काबिज भाजपा को एक बार फिर सत्ता हाथ लग रही है। चुनाव परिणामों के रुझानों के मुताबिक गुजरात में भाजपा दो तिहाई बहुमत पाने में सफल रही है। इसके पीछे मोदी और शाह का रणनीति और मोदी का जलवा कायम होना प्रमुख वजह माना जा रहा है। गुजरात में कांग्रेस को जबरदस्त नुकसान हुआ है। आप ने 13 प्रतिशत से अधिक वोट प्राप्त कर राष्ट्रीय पार्टी होने का दावा मजबूत कर लिया है।

चुनाव विश्लेषकों की मानें तो मोदी और शाह के फार्मूले ने एंटी इनकंबेसी खत्म करने के लिए 3 से 5 बार चुनाव जीत रहे विधायकों के टिकट काट दिए थे। कुछ विधायकों को यह कहने को भी मजबूर कर दिया था कि वे इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि फायदा भाजपा को मिला है। यह फार्मूला राजस्थान समेत अन्य राज्यों में लागू होता है तो राजसथान में कई दिग्गजों के टिकट कट सकते हैं।

क्या आप से भाजपा को फायदा हुआ
पिछले चुनावों में कांग्रेस ने 79 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार गुजरात में कांग्रेस 19 सीटों पर ही सिमटती नजर आ रही है। आम आदमी पार्टी 6 सीटों पर काबिज हो सकती है। वोट प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस का वोट शेयर गिरा है। गुजरात में आप ने 13 प्रतिशत से अधिकक वोट हासिल कर लिए हैं। कांग्रेस वोट शेयर गिरकर 26.6 प्रतिशत पर आ गया है। इससे यही लगता है कि आम आदमी पार्टी की वजह से कांग्रेस को नुकसान हुआ है और भाजपा को बढ़त मिली है। भाजपा का गुजरात में शेयर 53 प्रतिशत से अधिक पहुंच गया है।

भाजपा की जीत के प्रमुख कारण
राजनीतिक विश्लेषकों से बिंदु सामने आए हैं उसमें कहा गया है कि गुजरात में कांग्रेस ने लगातार पांच साल काम नहीं किया है। पहले से ही यहां यह माना जाता रहा है कि गुजरात में कांग्रेस और भाजपा के बीच फिक्सिंग है। दूसरा कारण यह है कि यहां पीएम मोदी का अब भी जलवा कायम है। गुजरात के लोग जानते हैं कि अनजान दोस्त से जानकार दुश्मन ज्यादा बेहतर है इसलिए एंटी इनकंबेंसी का भी कोई फर्क नहीं पड़ा है। दिल्ली सरकार के कामों के आधार पर आप ने अपनी पेठ कायम की है।