Delhi AIIMS under the control of hackers - ₹200 करोड़ की फिरौती मांगी:कहा- पेमेंट क्रिप्टोकरंसी में करें
Delhi AIIMS under the control of hackers - ₹200 करोड़ की फिरौती मांगी:कहा- पेमेंट क्रिप्टोकरंसी में करें

 नई दिल्ली। चीन की नापाक हरकतों के कारण भारत ने चीन पर अनेक व्यापारिक प्रतिबन्ध लगाए हैं। भारत सरकार के इस बड़े फैसले से चीन को भारी नुकशान हुआ है और चीन आर्थिक संकट से जूझ रहा है। यही कारण है कि चीन अब भारत के खिलाफ कई बड़ी साजिश रच रहा है।  

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान  के कंप्यूटर सर्वर पर कुछ समय पहले चीनी हैकरों ने हमला किया था । यह कहा जा रहा है कि चीन ने एम्स के लगभग 4 करोड़ लोगों का डेटा चुरा लिया है और इसे डार्क वेब पर बेच दिया है। इन डेटा में नेता से लेकर सेलिब्रिटी और बड़े अधिकारियों की पर्सनल डिटेल्स शामिल हैं। हैकरों ने एम्स के पांच सबसे जरूरी सर्वरों को निशाना बनाते हुए उन्हें हैक कर लिया था।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 5 सर्वरों में डेटा को अब वापस रिट्रीव कर लिया गया है। एम्स दिल्ली के सर्वर पर हमला चीनी हैकरों की तरफ से किया गया था। शुरुआत में जो जानकारी सामने आई है उससे यह कहा जा सकता है कि सर्वर पर हमला चीन से ही किया गया था।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये मेन मेल आईपी एड्रेस 146.196.54.222 है. इसका पता करने पर ये ग्लोबल नेटवर्क फ्रांसिट लिमिटेड रोड डी/तीन एफ ब्लाक-दो, 62 युआन रोड हांगकांग-00852 का बता रहे हैं. इसकी जानकारी फिलहाल विदेश मंत्रालय को दिल्ली पुलिस की ओर से दे दी गई है।

दिल्ली एम्स के सर्वर पर बीते 23 नवंबर को एक रैंसमवेयर हमला हुआ था। साइबर हमलावरों के खिलाफ उगाही और साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज किया गया है. इस साइबर अटैक का 23 नवंबर को तब पता चला, जब सर्वर डाउन होने से आउट पेशेंट विभाग और सैंपल एकत्र करने वाली सेवाएं प्रभावित हो गई थी।

बता दें कि एम्स के सर्वर पर कई वीवीआईपी लोगों के डेटा भी मौजूद है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इन लोगों का डेटा चुराने के लिए एम्स के सर्वर को निशाना बनाया गया। संसद में इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बताया कि सरकार इसकी जांच करवाए और दोबारा ऐसा ना हो इसका पुख्ता इंतजाम किया जाए। दिल्ली एम्स के सर्वर में सेंधमारी करने वाले हैकर्स ने इन सर्वर्स को अपने कब्जे से छोड़ने के लिए क्रिप्टो करेंसी में करीब 200 करोड़ रुपये की मांग की थी।