नई दिल्ली। एलएसी पर चीन की लगातार घुसपैठ और तवांग जैसी घटनाओं से निबटने के लिए केंद्र सरकार अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास कर रही है। बीआरओ सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ अहम ढांचागत विकास कार्यों में लगा हुआ है। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश के सभी सीमावर्ती गांवों में बेहतर नेटवर्क के लिए सरकार सभी सड़कों को जोड़ने की योजना बनाई है।


सरकार की योजना है कि इन क्षेत्रों का इंफ्रास्ट्रक्चर जल्द से जल्द बेहतर किया जाए ताकी जरूरत पड़ने पर सेना की हर तरह की सहायता दी जा सके। इसी कड़ी में सीमा सड़क संगठन पश्चिमी असम और पश्चिमी आंध्र प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में सभी सड़क नेटवर्क विकसित कर रहा है।  प्रोजेक्ट वर्तक के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर रमन कुमार ने बताया कि दो सुरंगें सेला और नेचिपु का तेजी से निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण वाहनों की आवाजाही में काफी मुश्किल होती है। प्रोजेक्ट वर्तक के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर रमन कुमार ने कहा कि हम तवांग जिले के दूरदराज के इलाकों को भी जोड़ना चाहते हैं और इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देना चाहते हैं।  सड़क संपर्क के अलावा, सरकार अरुणाचल प्रदेश के तवांग और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए काम कर रही है।


गौरतलब है कि चीन अपनी सीमावर्ती इलाकों बहुत हद तक विकास कर चुका है। ऐसे में भारतीय क्षेत्रों में भी आवाजाही समेत अन्य सुविधाओं का विकास होना जरूरी है। इसी को लेकर सरकार सीमावर्ती इलाकों में तेजी से विकास कार्य कर रही है। इसी कड़ी में बीआरओ की ओर से अरुणाचल प्रदेश के तवांग के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा की ओर सेला दर्रा सुरंग बनाया जा रहा है। इसके बन जाने से सेना सभी मौसम में हर तरह से से संपर्क स्थापित कर सकती है।