HIGH COURT

बिलासपुर। कबीरधाम जिले के सहसपुर-लोहारा नगर पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव को पारित करने की प्रक्रिया के खिलाफ दायर याचिका दायर की गई है, जिस पर हाईकोर्ट ने पीठासीन अधिकारी से जवाब दाखिल करने कहा है।

चर्चा का समय नहीं देने का आरोप

कबीरधाम जिले के सहसपुर-लोहारा नगर पंचायत की अध्यक्ष उषा श्रीवास और उपाध्यक्ष आभा श्रीवास्तव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इस पर 5 दिसंबर को सम्मेलन बुलाया गया और इसी दिन पीठासीन अधिकारी अतिरिक्त कलेक्टर इंद्रजीत बर्मन की उपस्थिति में मतदान कराया गया। मतदान के बाद पीठासीन अधिकारी ने अविश्वास प्रस्ताव को 5 के विरुद्ध 10 मतों से पारित होने का निर्णय दिया। निर्णय से प्रभावित उषा श्रीवास और आभा श्रीवास्तव की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

याचिकाकर्ताओं ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में कहा है कि प्रस्ताव पर चर्चा व मतदान एक ही दिन रखी गई। उन्हें अपना पक्ष रखने का पर्याप्त अवसर पीठासीन अधिकारी ने नहीं दिया। मतदान के पूर्व चर्चा का प्रावधान है, चर्चा विफल होने पर मतदान कराया जा सकता है। इसके बावजूद एजेंडा में मतदान को पहले से जोड़ दिया गया था। सुनियोजित तरीके से एकतरफा सुनवाई कर मतदान करा लिया गया। परिणाम की जानकारी लिखित में न देकर मौखिक दी गई। याचिका में पीठासीन अधिकारी के निर्णय को निरस्त करने तथा पुन: प्रकिया के अनुसार सम्मेलन आयोजित करने की मांग की गई है। इस पर हाईकोर्ट ने पीठासीन अधिकारी को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस दी है।

पूर्व में सम्मलेन को लेकर भी कोर्ट में था मामला

गौरतलब है कि सहसपुर-लोहारा नगर पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन देने के बाद सम्मेलन नहीं बुलाने को लेकर भी पूर्व में याचिका दायर की गई थी। उसके बाद यह सम्मेलन रखा गया था।

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